चीनी सेना पूर्वी लद्दाख के पास अभ्यास क्षेत्रों में लौटी, भारतीय सेना भी तैनात

नई दिल्‍ली. भारत के साथ कई दौर की बातचीत के बाद चीन की पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने समझौते के तहत कई इलाकों से डिस-एंगेजमेंट जरूर किया, लेकिन सीमा के पास दोबारा ड्रैगन की कायराना हरकत शुरू हो गई है. दरअसल, पूर्वी लद्दाख के डेप्‍थ इलाकों में पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी सैन्‍य अभ्‍यास कर रही है.

अभी एक साल भी नहीं बीता है जब चीनी सेना ने भारत के उत्तरी हिस्से पर आक्रामक रवैया अपनाने की कोशिश की थी. हालांकि ऐसा नहीं है कि भारतीय सेना हाथ पर हाथ धर कर बैठी है, कोविड के बावजूद सेना पूरी तरह सतर्क है और चीनी सेना की हरकतों पर नज़र बनाए हुई है.

सालों से ऐसे अभ्‍यास कर रही चीनी सेना

एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना के लोग सालों से यहां गर्मियों में सैन्य अभ्यास करते आ रहे हैं. पिछले साल भी उन्हें इस दौरान यहां अभ्यास करते पाया गया था लेकिन फिर वो यहां से आक्रामक तरीके से पूर्वी लद्दाख की ओर बढ़ गए थे. फिलहाल चीनी सेना अपने पुराने हिस्से तक सीमित है जिसमें कई जगह फासला 100 किलोमीटर से ज्यादा भी है.

सूत्रों का कहना है कि ये खबर इसलिए भी अहमियत रखती है क्योंकि आपसी संधि के बाद पेंगोग झील से दोनों ही मुल्कों ने अपनी सेना को वापस बुलाया लिया था और तब से ही गोगरा हाइट्स सहित हॉट स्प्रिंग के कई इलाकों, टकराव के विषयों को लेकर दोनों ही देशों के बीच बातचीत का दौर जारी है.

इसके बाद से भारतीय सेना भी हरकत में आ गई है और उनकी तैनाती उस क्षेत्र विशेष में की जा रही है. सुरक्षा के मद्देनज़र पूर्वी लद्दाख और आगे के दूसरे हिस्सों में भी तैनाती बढ़ा दी गई है.

भारतीय आर्मी और वायुसेना भी सतर्क

भारत तिब्बत सीमा पुलिस, भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना को भी आगे के हिस्सों में तैनात किया गया है. भारतीय सेना को ऐसी उम्मीद थी कि पारंपरिक अभ्यास के बाद चीनी सेना वापस अपने पुराने क्षेत्र की ओर चली जाएगी लेकिन वो तभी से आगे की ओर बने हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिक अपने इलाके में बंकर तो बना ही रहे हैं साथ ही उस इलाके में अपने निर्माण को और मजबूती देने में लगे हुए हैं.

चीनी सेना की हरकतों को देखते हुए भारतीय सेना ने भी अपने निर्माण में मजबूती लाना शुरू कर दिया ताकि वहां ज्यादा देर तक रुका जा सके और ज्यादा से ज्यादा टुकड़ियों को वहां पहुंचाया जा सके. पिछले साल से ही चीनी और भारतीय सैना की तैनाती इस इलाके में बढ़ गई है.

भारत काफी वक्त से चीनी सेना से गोगरा, हॉट स्प्रिंग और डेपसांग के मैदानी इलाके से सेना हटाने की मांग कर रहा है. स्टैंड ऑफ यानी किसी नतीजे पर न पहुंचने की स्थिति के बाद होतान, गारी गुनसा और काशगर में चीन 200 किलोमीटर तक मारक क्षमता रखने वाली हवाई सुरक्षा बैटरी एचक्यू-9 और फाइटर नेट की मौजूदगी बनाई हुई है. भारत ने भी बड़े स्तर पर अपनी सेना की तैनाती कर रखी है और रफाल जेट को भी आगे के हिस्से में काम पर लगा रखा है.

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