नयी दिल्ली। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत उनके मंत्रालय के तहत पूरे देश में आयोजित वाणिज्य सप्ताह न:न सिर्फ सफल रहा है बल्कि इस दौरान देश का हर जिला निर्यातोन्मुख होता दिखा है जो देश को एक प्रमुख वैश्विक विनिर्माण केन्द्र बनाने के लिए बहुत जरूरी है।
गोयल ने 20 सितंबर को शुरू किये गये इस सप्ताह का आज यहां समापन करते हुये कहा कि यह देश के सभी 739 जिलों में आयोजित किया गया। इस दौरान देश भर में आयोजित कार्यक्रमों में 23 केन्द्रीय मंत्रियों ने भाग लिया। 10 मुख्यमंत्रियों और दो केन्द्र शासित प्रदेशाें के उप राज्यपालों ने भी इसमें भाग लिया। कल विभिन्न स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में 15 लाख से अधिक लोग इसमें शामिल हुये। इसके अतिरिक्त 26 राज्यों के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रियों ने अपने स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लिया। कुल मिलाकर इसमें एक करोड़ लोगों ने किसी न:न किसी स्तर पर भाग लिया है।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जाने से हर जिले से कम से कम एक उत्पाद की पहचान की गयी है लेकिन बहुत से ऐसे जिले भी है जहां के एक या दो से अधिक उत्पादों की पहचान की गयी है। उन्होंने कहा कि पहले निर्यात का काम सिर्फ केन्द्र का माना जाता था लेकिन अब राज्य ही नहीं बल्कि जिला भी निर्यात का केन्द्र बन रहे हैं। उन्होंने राज्यों ने अपने बेहतर अनुभव शेयर करने की अपील करते हुये कहा कि मोदी सरकार की पहल जनभागीदारी की है। जब हम एक दूसर के अनुभव से सीखते हैं तो देश को अधिक तीव्रता से बदल सकते हैं। हमे अच्छे और बेहतर उपायों को अपनाना चाहिए। इसलिए एक राज्य को अपने बेहतर अनुभव को दूसरे राज्यों को बताना चाहिए।
गोयल ने कहा कि वाणिज्य सप्ताह के दौरान उन्हें दो विशेष आर्थिक क्षेत्रों का भ्रमण करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि वर्ष 1973 में मुंबई में विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाया गया था लेकिन बीच में हम उसे भुल गये। अब फिर से इसको गति मिली है और अब हमे यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में फिर से वैसा ही नहीं हो जाये। उन्होंने कहा कि विश्व एक विश्वसनीय भागीदार की तलाश कर रहा है और मोदी की अगुवाई में भारत इस दिशा में काम कर रहा है क्यों कि नरेन्द्र मोदी के रूप में देश को एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो सिर्फ और सिर्फ देश को आगे बढ़ाने पर सोचते हैं। पिछले 20 वर्षाें से वह मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पद पर हैं तथा इस दौरान उन्होंने एक दिन का भी अवकाश नहीं लिया है। वह सिर्फ देश को दुनिया का न:न सिर्फ प्रमुख विनिर्माण केन्द्र बनाने पर काम करते हैं बल्कि एक विश्वसनीय उत्पादक और विश्वसनीय भागीदार देश बनाना चाहते हैं।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत से वैश्विक प्रतिस्पर्धा समाप्त नहीं हो रही है बल्कि इससे तो नये द्वार खुल रहे हैं। हमे व्यापार घाटा वाला देश से उबरकर व्यापार अधिशेष वाला देश बनना है और वैश्विक शक्ति बनने का यही मार्ग है। उन्होंने कहा कि एकल खिड़की प्रणाली से सभी हितधारकों के लिए एक समान नियम लागू होंगे। हम चाहते हैं कि सभी अपने व्यापार को ईमानदारीपूवर्क चलाये और बढ़ाये। इससे जिम्मेदारी भी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। हितधारकों को एकल खिड़की प्रणाली को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। यह निवेशकों, छोटे उद्योग को सुगमता से भारत में काम करने का अवसर देगा।