केरल की राजनीति में आयरन लेडी के नाम से पहचानी जाने वाली कम्युनिस्ट नेता के आर गौरी अम्मा ने मंगलवार को दुनिया को अलविदा कह दिया।
कम्युनिस्ट नेता और जनदीपति सम्मान समिति के संस्थापक केआर गौरी अम्मा का 102 साल की उम्र में निधन हो गया। गौरी अम्मा को कुछ दिनों पहले बुखार और ठंड लगने, सांस लेने में तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती किया था। यहीं इलाज के दौरान के आर गौरी अम्मा ने 11 मई को अंतिम सांस ली।
अरुमुरी परम्बिल पार्वती अम्मा और कलाथिलपरम्बिल रमन की बेटी, गौरी अम्मा ( K R Gauri Amma ) का जन्म 14 जुलाई 1919 को अलाप्पुझा जिले के चेरथला के पट्टानक्कड़ में हुआ था।
कानून की पढ़ाई की पूरी
गौर अम्मा ने तिरुवनंतपुरम में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई पूरी की। खास बात यह है कि वह एझावा समुदाय से आने वाली पहली महिला लॉ छात्रा थी।
केरल की पहली राजस्व मंत्री
केआर गौरी अम्मा 1957 में ईएमएस नंबूदरीपाद के नेतृत्व वाली पहली कम्युनिस्ट सरकार में राजस्व मंत्री रही। यही नहीं राज्य में कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक नेताओं में उनकी गिनती की जाती है।
वह दुनिया की पहली लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई कम्युनिस्ट सरकार की कैबिनेट की सदस्य थीं, जिसका नेतृत्व कम्युनिस्ट दिग्गज ई.एम.एस. 1957 में नंपुथिरिपद में किया।
केरल की पहली विधायिका में वे 1977 तक एमएलए रहीं। इसके बाद वे एक बार चुनाव हारीं, लेकिन अगले ही चुनाव में उन्होंने शानदार जीत दर्ज की और 2006 तक बतौर विधायक रहीं।
भूमि सुधार विधेयक की शुरुआत
के आर गौरी अम्मा ने गरीबों को लेकर कई काम किए। इनमें सबसे बड़ा काम भूमि सुनिश्चित करने के लिए भूमि सुधार विधेयक की शुरुआत करना रहा।
उन्होंने विभिन्न सरकारों में मंत्री के रूप में कार्य किया। 1987 के चुनावों में, गौरी अम्मा केरल की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने वाली थीं। लेकिन राजनीतिक खेलों के कारण ऐसा हो ना सका।
गौरी अम्मा को 1994 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया था और इसने जनाधिपति समृद्धि समिति (JSS) का गठन किया।
इसके बाद, गौरी अम्मा यूडीएफ में शामिल हो गईं और यूडीएफ सरकार में मंत्री बन गईं। वह आखिरी बार 2011 में चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं।