कांग्रेस: पवन खेड़ा ने खरगे के ‘गंगा स्नान’ वाले बयान का किया बचाव

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक दिन पहले भाजपा नेताओं के गंगा स्नान को लेकर टिप्पणी पर भाजपा नेताओं की तरफ से सनातन धर्म का अपमान बताया है। वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पार्टी अध्यक्ष के बयान का बचाव किया है और सनातन धर्म के अपमान के दावों पर सवाल भी उठाए हैं। पवन खेड़ा ने पूछा, ‘यह सनातन धर्म का अपमान कैसे हो सकता है? सनातन धर्म कहता है कि राजा को हमेशा अपने जन के कल्याण के बारे में सोचना चाहिए। धर्म के बहाने वे बेरोजगारी को बढ़ावा नहीं दे सकते और कानून-व्यवस्था को बर्बाद नहीं कर सकते… उन्हें ‘धर्म’ पर किताबें पढ़ने और फिर दूसरों को सनातन धर्म का उपदेश देने की जरूरत है’।

असम के सीएम ने की थी खरगे की आलोचना
इससे पहले, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने महाकुंभ पर खरगे की टिप्पणी की आलोचना करते हुए इसे सनातन धर्म के खिलाफ तुच्छ मानसिकता बताया था। सीएम सरमा ने आगे सवाल किया कि क्या खरगे हज के बारे में भी ऐसी ही टिप्पणी करने की हिम्मत करेंगे। उन्होंने बताया कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद 2001 में कुंभ के दौरान पवित्र स्नान किया था। सीएम सरमा ने एक्स पर आगे लिखा, ‘मेरा मानना है कि यह राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक रुख है। लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं: 2001 में, सोनिया गांधी ने खुद कुंभ के दौरान पवित्र स्नान किया था। क्या वह यह कहने की हिम्मत भी करेंगे कि हज पर जाने से भूख और गरीबी जैसे मुद्दे हल नहीं होंगे?’ 

अपनी अंतरात्मा की आवाज पर चलें कांग्रेस नेता- सरमा
असम के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस से जुड़े हिंदू नेताओं से ‘एक पक्ष लेने’ और अपनी आस्था और सांस्कृतिक विरासत से समझौता न करने का आग्रह किया, साथ ही कहा कि किसी भी नेता, विचारधारा या पार्टी को धर्म या मान्यताओं से ऊपर नहीं रखा जाना चाहिए। सरमा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, ‘कांग्रेस से जुड़े सभी हिंदू नेताओं के लिए यह समय चिंतन और रुख अपनाने का है। सत्ता और पद के लिए अपनी आस्था, अपने धर्म या इस देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से समझौता न करें। किसी भी नेता, किसी भी विचारधारा और किसी भी पार्टी को अपने धर्म और मान्यताओं से ऊपर नहीं रखना चाहिए। सनातन धर्म सदियों से समय की कसौटी पर खरा उतरा है; राजनीतिक स्वार्थ के लिए इसके सार को कमतर न आंकें। अपनी अंतरात्मा की आवाज पर चलें।’ 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here