नई दिल्ली। धार्मिक आजादी पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से एक दिन पहले जारी रिपोर्ट में भारत को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों को भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक सिरे से खारिज कर दिया है। भारत ने यह भी कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए इस तरह की रिपोर्ट अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी की जाती है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
भारत ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी का नाम लिए बगैर उनकी टिप्पणियों को भी आड़े हाथों लिया। यही नहीं भारत ने अमेरिका में नस्ली हिंसा और गन कल्चर के मुद्दे को भी परोक्ष तौर पर उठाया है। पूर्व में भी अमेरिकी विदेशी मंत्रालय की तरफ से अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी पर रिपोर्ट जारी की जाती रही हैं जिसमें कई बार भारत के हालात को लेकर चिंता जताई गई है।
वैसे इस ताजा रिपोर्ट में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर भी गंभीर चिंता जताई गई है। साथ ही अफगानिस्तान में धर्म की आड़ लेकर महिलाओं और बच्चों को शिक्षा से दूर करने की कोशिश व अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर भी गंभीर टिप्पणियां की गई हैं।
वोट बैंक की राजनीति के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय देता है ऐसी रिपोर्ट
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की इस रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में वोट बैंक राजनीति का इस्तेमाल किया जा रहा है। हम आग्रह करते हैं कि पूर्वाग्रह पर आधारित और एकतरफा विचारों को इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया जाए। भारत में सभी धर्मों के लोग रहते हैं और जिन्हें पूरी धार्मिक आजादी व उनके मानवाधिकार का संरक्षण किया जाता है। अमेरिका के साथ बातचीत में हम हमेशा ही नस्ली हिंसा, संप्रदाय विशेष पर हमला करने या गन कल्चर के मुद्दे को उठाते रहे हैं।’
बताते चलें कि मार्च, 2022 में अमेरिका यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी सार्वजनिक मंच से अमेरिका में मानवाधिकार के मुद्दे को उठाया था और कहा कि भारत को अमेरिका में कुछ मुद्दों को लेकर चिंता है।