माकपा के नेतृत्व वाली केरल सरकार ने बुधवार को अपने फैसले पर यू-टर्न ले लिया। सरकार ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसयू) में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 60 करने के अपने आदेश को रद्द करने का फैसला किया है। सीएमओ ने अपने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस आदेश पर फैसला लिया गया।
विजयन सरकार ने अधिकांश राज्य सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु समान रूप से बढ़ाकर 60 कर दी थी, जिसकी भाजपा, कांग्रेस समेत वामपंथी युवा संगठनों ने कड़ी आलोचना की थी। सरकार का यह फैसला विपक्षी कांग्रेस और भाजपा के कड़े विरोध के बाद आया है।
भाजपा और कांग्रेस ने समान रूप से विजयन सरकार पर आरोप लगाया था कि एलडीएफ सरकार का सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का फैसला राज्य के युवाओं के साथ विश्वासघात है, जो सरकारी कंपनियों में करियर का सपना देख रहे हैं। वहीं विशेषज्ञ पैनल ने सिफारिश की थी कि सभी राज्य सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु समान रूप से बढ़ाकर 60 कर दी जाए जैसा कि केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के मामले में होता है।