पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनकड़ और ममता बनर्जी के बीच लगातार अनुबंध के खबरें रहती हैं। कई ऐसे मसले होते हैं जहां ममता बनर्जी खुलकर राज्यपाल पर गंभीर आरोप लगा देती है। वहीं राज्यपाल की ओर से भी समय-समय पर ममता सरकार पर बड़े आरोप लगाए जाते हैं। इन सब के बीच एक बार फिर से राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने ममता बनर्जी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि राज्यपाल के रूप में मुझे चिंता है कि राज्य में गंभीर श्रेणी में हिंसा हुई है। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद भी हिंसा इस भूमि पर एक धब्बा है। सरकार हिंसा को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है। इसी के साथ उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में हर कोने में माफिया और सिंडिकेट राज है।
राज्यपाल ने इसके साथ ही कहा कि कोलकाता उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को बार-बार फटकार लगाई है। बंगाल में हर स्तर पर लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि प्रशासन जानबूझकर राज्यपाल के महत्व को समझने की कोशिश नहीं करता है। हाल में विश्वविद्यालय के चांसलर को लेकर ममता सरकार द्वारा लाए गए विधेयक पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा में एक विधेयक लाकर मुझे आचार्य पद से हटा दिया गया है। मैं उस विधेयक को ध्यान से पढ़ लूंगा। इस विधेयक पर संविधान के अनुसार विचार करूंगा और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार इसकी जांच करूंगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैं पक्षपाती नहीं रहूंगा। जो सही होगा स्वीकार करेंगे। लेकिन मैं कोई गलत काम नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक बिल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। मैं हर लाइन को ध्यान से पढ़ लूंगा, तभी निर्णय लूंगा।
प्रस्ताव को मंजूरी
पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य के आलिया विश्वविद्यालय का कुलाधिपति नियुक्त करने के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दे दी। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि राज्य के शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री को राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति नियुक्त करने संबंधी एक विधेयक हाल ही में विधानसभा में पेश किया था। उन्होंने बताया कि हालांकि आलिया विश्वविद्यालय इससे बाहर रह गया था क्योंकि वह अल्पसंख्यक मामलों और मदरसा शिक्षा विभाग के तहत आता है। उन्होंने बताया कि इसके लिए अलग से विधेयक को मंजूरी दी गई है जिसे जल्दी ही विधानसभा में पेश किया जाएगा।