डीजीसीए का निर्देश: दिव्यांग यात्रियों को ले जाने से इनकार नहीं कर सकतीं एयरलाइन कंपनियां

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय  (डीजीसीए) ने दिव्यांग/चलने-फिरने में अक्षम यात्रियों पर नियमों में संशोधन का मसौदा जारी किया है। इसी आधार पर डीजीसीए ने विमान में दिव्यांग यात्रियों को लेकर एयरलाइंस कंपनियों को अहम निर्देश दिए। डीजीसीए ने कहा है कि एयरलाइन विकलांगता के आधार पर किसी भी व्यक्ति को ले जाने से मना नहीं कर सकती। हालांकि अगर किसी एयरलाइन को लगता है कि ऐसे शख्स का स्वास्थ्य उड़ान के दौरान खराब हो सकता है, तो उसकी जांच एक डॉक्टर से करानी होगी। डीजीसीए ने कहा कि डॉक्टर स्पष्ट रूप से चिकित्सा स्थिति और यात्री उड़ान भरने के लिए फिट है या नहीं, साफ तौर पर बताएगा। मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद एयरलाइन उचित कार्रवाई करेगी। 

डीजीसीए ने कहा कि उसने सात मई को रांची हवाई अड्डे पर एक विशेष रूप से दिव्यांग बच्चे को बोर्डिंग से इनकार करने के लिए इंडिगो एयरलाइन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, इसके ठीक छह दिन बाद नए नियम जारी करने का प्रस्ताव आया है। इंडिगो 9 मई को कहा था कि लड़के को रांची-हैदराबाद उड़ान में सवार होने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि वह दहशत में था। लड़के के बोर्डिंग पर रोक लगाने के बाद उसके माता-पिता ने भी विमान में प्रवेश नहीं करने का फैसला किया।

डॉक्टर की लिखित राय लेना जरूरी होगा 
नियामक ने 28 मई को कहा था कि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए वह अपने स्वयं के नियमों पर फिर से विचार करेगा, जिससे एयरलाइंस के लिए बोर्डिंग से इनकार करने का निर्णय लेने से पहले किसी यात्री के स्वास्थ्य पर हवाई अड्डे के डॉक्टर की लिखित राय लेना जरूरी हो जाएगा। डीजीसीए द्वारा शुक्रवार को जारी मसौदा नियमों में कहा गया है कि एयरलाइन विकलांगता के आधार पर किसी भी व्यक्ति को ले जाने से मना नहीं करेगी। अगर किसी एयरलाइन को लगता है कि ऐसे यात्री का स्वास्थ्य उड़ान के दौरान खराब हो सकता है, तो उस यात्री की एक डॉक्टर द्वारा जांच की जानी चाहिए। डॉक्टर बताएगा कि यात्री उड़ान भरने के लिए फिट है या नहीं। चिकित्सा रिपोर्ट के बाद एयरलाइन इस संबंध में उचित निर्णय लेगी। 

नियामक ने जनता से 2 जुलाई तक मसौदा नियमों के बारे में अपनी टिप्पणी भेजने को कहा है, जिसके बाद वह अंतिम नियम जारी करेगा। इंडिगो के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने 9 मई को इस घटना पर खेद व्यक्त किया था और विशेष रूप से दिव्यांग बच्चे के लिए एक इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर खरीदने की पेशकश की थी। दत्ता ने कहा था कि एयरलाइन के कर्मचारियों ने कठिन परिस्थितियों में सर्वोत्तम संभव निर्णय लिया।

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