डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना ने किया स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियारों का सफल परीक्षण

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) और भारतीय वायु सेना (IAF) की तरफ से संयुक्त रूप से स्वदेश में विकसित स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियार के दो उड़ान परीक्षण किए हैं. रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है. ये परीक्षण राजस्थान के जैसलमेर में किए गए हैं.

रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि उपग्रह नेविगेशन और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सेंसर पर आधारित दो अलग-अलग उपकरणों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है. बम के इस वर्ग का इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सीकर आधारित उड़ान परीक्षण देश में पहली बार किया गया है.

100 किलोमीटर है हथियार की मारक क्षमता

मंत्रालय ने बताया कि वायुसेना ने एक हथियार 28 अक्टूबर को और दूसरा तीन नवंबर को लॉन्च किया था. परीक्षण जैसलमेर की चंदन रेंज से किया गया. हथियार की मारक क्षमता अधिकतम 100 किलोमीटर बताई जा रही है.

इससे पहले डीआरडीओ और भारतीय वायु सेना ने स्वदेशी रूप से विकसित लंबी दूरी के बम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. डीआरडीओ (DRDO) ने बताया था कि लंबी दूरी का बम भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों से निकलने के बाद निर्दिष्ट सीमाओं के भीतर सटीकता के साथ एक लंबी दूरी पर भूमि-आधारित लक्ष्य के लिए निर्देशित किया गया. साथ ही कहा कि मिशन के सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है.

वहीं इससे पहले भारत ने अग्नि-5 मिसाइल (Agni-5 missile) का सफल परीक्षण किया था. इस कामयाबी के साथ ही भारत इन चंद ताकतों में शुमार हो गया है, जिनके पास 5,000 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक मार करने वाली परमाणु मिसाइल है. अग्नि 5 की टेस्टिंग में सबसे अहम बात ये है कि इसमें स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड भी शामिल है. स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी के तहत काम करती है और न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी देश में परमाणु हथियारों से जुड़े मामले देखती है, परमाणु हथियारों से जुड़ी रणनीति बनाती है.

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