नगालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्वनी कुमार ने की आत्महत्या, सीबीआई के रहे थे निदेशक

नागालैंड के पूर्व राज्यपाल और सीबीआई (CBI) के पूर्व निदेशक डॉ. अश्वनी कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। उन्होंने शिमला स्थित अपने ब्राक हास्ट आवास में फांसी लगाकर जान दे दी। उन्होंने यह कदम क्यों उठाया, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। फिलहाल शिमला के एसपी मोहित चावला की अगुवाई में पुलिस टीम घटनास्थल पर मौजूद है और मामले में जांच कर रही है। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें लिखा गया है कि जिंदगी से तंग आकर अगली यात्रा पर निकल रहा हूं।

अश्वनी कुमार आईपीएस अधिकारी थे और CBI और SPG में विभिन्न पदों पर रहे थे। वे अगस्त 2008 से नवंबर 2010 के बीच वह सीबीआई के निदेशक रहे। अश्वनी कुमार सीबीआई के पहले ऐसे प्रमुख थे जिन्हें बाद में राज्यपाल बनाया गया। मार्च 2013 में उन्हें नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। हालांकि वर्ष 2014 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वे शिमला में एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के वीसी भी रहे थे।

डिप्रेशन से जूझ रहे थे अश्वनी कुमार शिमला के एसपी मोहित चावला ने कहा कि अश्वनी कुमार द्वारा आत्महत्या करने की खबर दुखद और चौंकाने वाली है। वह राज्य के सभी पुलिस अधिकारियों के लिए आदर्श थे। खुदकुशी की इस घटना से हर कोई स्तब्ध है। बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश के डीजीपी (DGP) रहे अश्वनी कुमार पिछले कुछ दिनों से डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहे थे। अश्विनी कुमार अगस्त 2006 से लेकर जुलाई 2008 तक हिमाचल प्रदेश के डीजीपी पद पर रहे थे। इसके बाद उन्हें सीबीआई का चीफ नियुक्त किया गया था। अश्वनी कुमार का जन्म हिमाचल प्रदेश के नाहन में हुआ था।

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