बच्चों पर कोवोवैक्स के ट्रायल के खिलाफ सरकारी पैनल, सीरम को अनुमति ना देने की सिफारिश

सरकारी पैनल ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को 2-17 साल की उम्र के बच्चों पर कोवावैक्स COVID-19 वैक्सीन के फेज 2 और 3 के क्लिनिकल ट्रायल देने के इजाजत देने के खिलाफ सिफारिश की है. सीरम इंस्टीट्यूट ने सोमवार को भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) के सामने आवेदन करके 10 स्थानों पर 920 बच्चों पर कोवोवैक्स टीके के ट्रायल के संबंध में इजाजत मांगी थी.

सीरम ने ऐसे समय में आवेदन किया था, जब आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. इसके चलते बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन विकसित करने पर काम चल रहा है. सरकारी पैनल की सीरम इंस्टीट्यूट के खिलाफ सिफारिश पर डीसीजीआई का क्या रुख होगा ये अभी साफ होना बाकी है.

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया सीरम इंस्टीट्यूट से सरकारी पैनल की आपत्तियों को दूर करने के लिए भी कह सकता है. सूत्र ये भी बताते हैं कि सीरम इंस्टीट्यूट के आवेदन पर विचार के बाद SEC ने पाया कि किसी भी देश ने इस वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है. समिति ने यह भी सिफारिश की है कि बच्चों पर कोवोवैक्स टीके के ट्रायल की अनुमति पर विचार करने के लिए कंपनी को वयस्कों पर जारी इस टीके के क्लीनिकल ट्रायल के सुरक्षा और रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़े आंकड़े पेश करने चाहिए.

मुंबई में 51.18 प्रतिशत बच्चों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी

कोरोना वायरस महामारी की संभावित तीसरी लहर से पहले बच्चों पर किये गए सीरो सर्वे से पता चला है कि मुंबई में एक से 18 साल की उम्र के 51.18 प्रतिशत बच्चों में कोरोना वायरस से लड़ने वाली एंटीबाडी मौजूद हैं. सीरो सर्वे से पता चलता है कि मुंबई में एंटीबॉडी वाली बाल चिकित्सा आबादी का अनुपात पहले के सीरो-सर्वेक्षण की तुलना में बढ़ गया है. यह सर्वे 1 अप्रैल से 15 जून के बीच किया गया था जिसमें पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं से 2,176 ब्लड सैंपल्स इकट्ठे किए गए थे.

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