कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन 26 नवंबर से लगातर जारी हैं. शनिवार को पांचवीं बार के वार्ता विफल रही. इसके साथ ही इस मसले का कोई हल नहीं निकला है. किसान नेताओं और सरकार के बीच 9 दिसंबर फिर से बैठक होने वाली है. लेकिन उससे पहले ही किसान नेताओं ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. किसानों के भारत बंद के ऐलान को कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है. तो जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है वहां पर भारत बंद के दौरान किसी भी प्रकार की जबरजस्ती करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की बात कही गई है.
इसी कड़ी में गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने कहा, नरेंद्र मोदी जी की सरकार द्वारा बनाए गए किसान कानूनों का जो विरोध चल रहा है वो अब किसान आंदोलन नहीं रहा, राष्ट्रीय आंदोलन बन गया है क्योंकि कल होने वाले भारत बंद के कार्यक्रम में जितनी भी बड़ी पार्टियां हैं वो कूद पड़ी हैं. मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि आप अपना 2019 का मैनिफेस्टो खोलकर देख लीजिए जिसमें आपने बताया था कि अगर आपकी पार्टी सत्ता में आएगी तो वो APMC एक्ट को समाप्त करेगी. आज जब हमारी सरकार ये कर रही है तो राहुल गांधी किसानों को भड़काने के लिए क्यों सबसे आगे हैं.
गुजरात CM विजय रूपाणी ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि गुजरात किसानों द्वारा किए गए भारत बंद के आह्वान का समर्थन नहीं कर रहा है. अगर कोई जबरदस्ती दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों को बंद करने की कोशिश करता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि बंद को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, द्रमुक, राजद, पीएजीडी, राकांपा, भाकपा, माकपा, भाकपा-माले, आरएसपी और एआईएफबी जैसे विपक्षी दलों का समर्थन मिला है. इन दलों के नेताओं द्वारा एक संयुक्त बयान जारी किया गया था, जिसमें बंद का समर्थन करने की बात कही गई थी. जबकि बसपा, शिवसेना और टीआरएस ने भी बंद का समर्थन किया है.