‘हील इन इंडिया’ इस दशक का बड़ा ब्रांड बन सकता है-पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी के तीन दिवसीय गुजरात (PM Narendra Modi in Gujarat) दौरे का आज अंतिम दिन है। पीएम मोदी ने बुधवार को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में आयोजित ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट का उद्घाटन किया। इस मौके पर डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस घेब्रेयसस और मारीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ भी मौजूद रहे। पीएम ने बड़ा एलान करते हुआ कहा कि भारत एक स्पेशल आयुष मार्क भी बनाने जा रहा है। भारत में बने उच्चतम गुणवत्ता के आयुष प्रॉडक्ट्स पर ये मार्क लगाया जाएगा। ये आयुष मार्क आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रावधानों से युक्त होगा। इससे विश्व भर के लोगों को क्वालिटी आयुष प्रॉडक्ट्स का भरोसा मिलेगा।

इसके अलावा पीएम ने कोरोना काल को याद किया। उन्होंने कहा, ‘हम सभी देख रहे थें कि उस दौरान किस तरह आयुर्वेदिक दवाइयां, आयुष काढ़ा और ऐसे अनेक प्रोडक्ट्स इम्यूनिटी बढ़ाने में लोगों की मदद कर रहे थे। कोरोना कालखंड में भारत में से हल्दी का एक्सपोर्ट अनेक गुना बढ़ गया था। इसी दौर में हमने देखा कि जो मॉर्डन फार्मा कंपनियां हैं, वैक्सीन मैन्यूफैक्चर्स हैं, उन्हें उचित समय पर निवेश मिलने पर उन्होंने कितना बड़ा कमाल करके दिखाया।’

कोरोना के समय आया समिट का विचार

मोदी ने कहा, ‘हमनें अक्सर देखा है कि अलग अलग सेक्टर्स में निवेश के लिए इन्वेस्टमेंट समिट होती रही है, लेकिन ये पहली बार है जब आयुष सेक्टर के लिए इस तरह की समिट हो रही है। ऐसी इन्वेस्टमेंट समिट का विचार मुझे उस समय आया था जब कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ था।’ आयुष के क्षेत्र में निवेश और नवाचार की संभावनाएं असीमित हैं। आयुष दवाओं, सप्लिमेंट्स और कॉस्मेटिक्स के उत्पादन में हम पहले ही अभूतपूर्व तेज़ी देख रहे हैं। 2014 में जहां आयुष सेक्टर 3 बिलियन डॉलर से भी कम का था। आज ये बढ़कर 18 बिलियन डॉलर के भी पार हो गया।

भारत में शुरू हुआ स्टार्टअप का स्वर्णिम युग

आयुष मंत्रालय ने ट्रेडिशनल मेडिसिन्स क्षेत्र में स्टार्टअप कल्चर को प्रोत्साहन देने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। कुछ दिन पहले ही आल इंडिया इंस्टिट्यूट आफ आयुर्वेद के द्वारा विकसित एक ऊष्मायन केंद्र का उद्घाटन किया गया है। भारत के स्टार्टअप्स का एक स्वर्णिम युग शुरू हो चुका है। एक प्रकार से भारत में आज यूनिकॉर्न का दौर है। वर्ष 2022 में ही अब तक भारत के 14 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न क्लब में जुड़ चुके हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि बहुत ही जल्द आयुष के हमारे स्टार्टअप्स भी यूनिकॉर्न उभरकर सामने आएगा।

आयुष आहार की नई कैटेगरी घोषित

एफएसएसएआई ने भी पिछले ही हफ्ते अपने नियमों में ‘आयुष आहार’ नाम की एक नयी कैटेगरी घोषित की है। इससे हर्बल nutritional supplements के उत्पादकों को बहुत सुविधा मिलेगी। बहुत जरूरी है कि मेडिसिनल प्लांट्स की पैदावार से जुड़े किसानों को आसानी से मार्केट से जुड़ने की सहूलियत मिले। इसके लिए सरकार आयुष ई-मार्केट प्लेस के आधुनिकीकरण और उसके विस्तार पर भी काम कर रही है।

मोदी ने कहा कि केरल के टूरिज्म को बढ़ाने में पारंपरिक दवाइयों ने मदद की। ये सामर्थ्य पूरे भारत में है, भारत के हर कोने में है। ‘Heal in India’ इस दशक का बहुत बड़ा ब्रांड बन सकता है। आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा आदि विद्याओं पर आधारित स्वास्थ्य केंद्र बहुत प्रचलित हो सकते हैं।

आयुष वीजा कैटेगरी शुरू करेगा भारत

मोदी ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि भारत आयुष वीजा कैटेगरी को शुरू करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो विदेशी नागरिक, भारत में आकर आयुष चिकित्सा का लाभ लेना चाहते हैं, उनके लिए सरकार ये पहल कर रही है। आयुष वीजा से लोगों को आयुष चिकित्सा के लिए भारत आने-जाने में सहूलियत होगी।

पीएम ने आगे कहा कि 21वीं सदी का भारत दुनिया को अपने अनुभवों, अपने ज्ञान,अपनी जानकारी साझा करते हुए आगे बढ़ना चाहता है। हमारी विरासत मानवता के लिए विरासत की तरह है, हम वसुधैव कुटुंबकम वाले लोग हैं। हम दुनिया का दर्द कम करने के लिए कृत संकल्प लोग हैं। ‘सर्वे संतु निरामया’ यही तो हमारा जीवन मंत्र है।

ट्रेडिशनल मेडिसीन से जुड़े ज्ञान का विकास और विस्तार तभी संभव है, जब उनको साइंटिफिक स्पिरिट में देखेंगे। उन्हें देश, काल और परिस्थिति के अनुसार ढालेंगे। ये ऐसा समय है जब भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। मुझे पूरा भरोसा है कि अगले 25 साल का हमारा अमृत काल दुनिया के कोने कोने में ट्रेडिशनल मेडिसीन का स्वर्णिम काल होगा।

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