कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज एक केस को खारिज कर दिया। बता दें कि सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार समेत अन्य के खिलाफ साल 2022 में कर्नाटक एपिडेमिक डिजीज एक्ट (Karnataka Epidemic Diseases Act) के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह मामला कोरोना पाबंदियों के उल्लंघन के चलते दर्ज किया गया था। अब जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने केस को खारिज कर दिया।
क्या है मामला
बता दें कि जनवरी 2022 में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार समेत कई कांग्रेस नेताओं ने मेकेदातु बांध परियोजना को लागू करने की मांग के लिए पदयात्रा आयोजित की थी। उस समय पूरे देश में कोरोना महामारी के चलते पाबंदियां लागू थीं, जिसके चलते कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कर्नाटक एपिडेमिक डिजीज एक्ट (Karnataka Epidemic Diseases Act) के तहत मामला दर्ज किया गया था। जिसे अब हाईकोर्ट ने खारिज कर कांग्रेस नेताओं को राहत दी है।
कांग्रेस नेताओं के खिलाफ रामनगर निवासी विजय कुमार तहसीलदार नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसके खिलाफ 13 याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट का रुख किया था और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दर्ज केस को खारिज करने की मांग की थी।
क्या है मेकेदातु परियोजना
कावेरी नदी जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु में विवाद है। मेकेदातु परियोजना के तहत कर्नाटक सरकार रामनगर जिले के कनकपुरा में एक संतुलन जलाशय का निर्माण कराने की योजना बना रही है। इस परियोजना से बेंगलुरु और पड़ोसी क्षेत्रों को पीने का पानी मिल सकेगा और 400 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होगा। हालांकि तमिलनाडु सरकार इसका विरोध कर रही है और उनका कहना है कि इस परियोजना से उनके राज्य में आने वाले पानी का प्रवाह रुक जाएगा या बाधित हो जाएगा। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इसी परियोजना को लागू करने की मांग करते हुए कांग्रेस नेताओं ने पदयात्रा की थी, जिसके चलते उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था।