हेमंत सोरेन के भाई बसंत के मामले में आयोग ने सीलबंद लिफाफे में राजभवन को भेजा पत्र

खुद मुख्यमंत्री रहते हुए खनन लीज अपने नाम कराने के मामले में झारखंड के CM हेमंत सोरेन का नाम आने के बाद जारी राजनीतिक संकट अभी खत्म भी नहीं हुआ कि अब उनके भाई का मामला सामने आ गया है. बताया जा रहा है कि अब हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन की विधायकी खतरे में आ गई है. भारत निर्वाचन आयोग (EC)ने बसंत के मामले में हियरिंग पूरी कर फाइल राजभवन भेज दी है. इस फाइल में EC ने अपनी ओर से जरूरी सिफारिश भी दर्ज कराई है. अब राज्यपाल को इस मामले में निर्णय करना है.

निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक बसंत सोरेन के मामले में 29 अगस्त को पूरी हो गई. इसके बाद आयोग ने पूरी रिपोर्ट अपनी सिफारिश के साथ सीलबंद लिफाफे में राजभवन भेजी है. आशंका जताई जा रही है कि इस रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल रमेश बैस कठोर निर्णय ले सकते हैं. ऐसे में अब बसंत सोरेन की विधान सभा में सदस्यता भी खतरे में आ गई है. बसंत सोरेन फिलहाल दुमका से झामुमो के विधायक हैं.

बसंत सोरेन पर खनन फर्म में साझीदारी का आरोप

BJP ने राज्यपाल के समक्ष बसंत सोरेन के खिलाफ शिकायत दी थी. आरोप लगाया था कि वह एक खनन फर्म और ग्रैंड माइनिंग कंपनी में हिस्सेदार है. इस कंपनी पर सरकार के आठ करोड़ रुपये बाकी है. इस शिकायत के बाद राज्यपाल ने चुनाव आयोग को मामले की जांच के निर्देश दिए थे. अब आयोग ने अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट दाखिल कर दी है. इससे पूर्व आयोग ने बसंत सोरेन को नोटिस भेजकर जवाब भी मांगा था.

थमने का नाम नहीं ले रहा राजनीतिक संकट

बता दें झारखंड में मुख्यमंत्री रहते CM हेमंत सोरेन के खनन लीज अपने नाम कराने के मामले में चुनाव आयोग की चिट्ठी के बाद से शुरू हुआ राजनीतिक संकट थमने का नाम नहीं ले रहा. यह मामला भी फिलहाल राज्यपाल के पास लंबित है. दूसरी ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधानसभा में बहुमत परीक्षण के जरिए शक्ति प्रदर्शन भी कर चुके हैं. वहीं दूसरी ओर विपक्ष में खड़ी BJP उन्हें घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही.

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