भारत-चीन सीमा पर ‘आपातकालीन नियंत्रण’ की पहले की स्थिति अब अतीत की बात है और कुल मिलाकर यह स्थिति वर्तमान में स्थिर है। चीन के वरिष्ठ राजनयिक चेन जियानजुन ने शुक्रवार की शाम कोलकाता में पत्रकारों से बातचीत की दौरान यह बात कही। चीनी दूतावास के मिनिस्टर काउंसलर ने कहा कि दोनों एशियाई दिग्गज राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संचार बनाए रखना जारी रखते हैं, जिससे सीमा की स्थिति को सामान्य प्रबंधन और नियंत्रण में बदलने को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि सीमा पर मौजूदा स्थिति कुल मिलाकर स्थिर है।
गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद संबंधों में आई गिरावट
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर नौ दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए थे। पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच सीमा पर गतिरोध के बीच यांगत्से के पास झड़प हुई थी। जून 2020 में गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई, जो दशकों में दोनों पड़ोसी देशों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था।
‘संबंधों में कुछ कठिनाइयां, लेकिन चीन की स्थिति नहीं डगमगाई’
जियानजुन ने कहा, बीजिंग ने हमेशा चीन-भारत संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखा और संभाला है। हालांकि, संबंधों में कुछ कठिनाइयां हैं, लेकिन चीन की स्थिति कभी नहीं डगमगाई है और हम उसे स्वस्थ एवं स्थिर विकास के रास्ते पर वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश अपनी प्राचीन सभ्यताओं से ताकत हासिल कर सकते हैं और दुनिया के साथ प्राचीन ज्ञान को साझा कर सकते हैं, ताकि संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता को बनाए रखा जा सके।
‘मिलकर काम कर रहे दोनों देश, एशिया के भविष्य पर पड़ेगा असर’
उन्होंने कहा कि दोनों देश एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं और यह एशिया व उससे परे के भविष्य पर असर डालेगा। जियानजुन ने कहा कि चीन जी-20 और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अध्यक्षता के दौरान भारत की भूमिका को पूरा करने में उसका समर्थन करता है। चीन और भारत का द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, शैक्षिक और अन्य लोगों के बीच आदान-प्रदान और सहयोग व्यवस्थित तरीके से फिर से शुरू हो रहा है।
‘कई क्षेत्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान स्थिति साझा करते हैं दोनों देश’
राजनयिक ने कहा कि चीन और भारत कई क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान स्थिति साझा करते हैं और दक्षिण-दक्षिण सहयोग, विकास और गरीबी में कमी, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा में व्यापक साझा हित हैं। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि दोनों देश शांति से रहने और एक साथ विकास करने का तरीका अपना सकते हैं, ताकि एशियाई सदी को साकार किया जा सके।