भारत-चीन के विदेश मंत्री दुशांबे में मिले, सीमा तनाव घटाने पर हुई चर्चा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुशांबे एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर चीनी विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर वांग यी के साथ एक घंटे की द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के बाद विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि, चर्चा पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ लगे मुद्दों पर केंद्रित थी।। विदेश मंत्री ने कहा कि, इस बैठक में दोनों देश वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की शीघ्र बैठक बुलाने पर सहमत हुए हैं। दोनों नेताओं की यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है, जब बीते सीमा तनाव को सुलझाने की कूटनीतिक प्रयास जारी है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि, दुशांबे एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के मौके पर स्टेट काउंसलर और चीन के एफएम वांग यी के साथ एक घंटे की द्विपक्षीय बैठक समाप्त हुई। चर्चा पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ लगे मुद्दों पर केंद्रित थी। विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्ष के साथ हाथ मिलाते हुए उनकी एक तस्वीर भी ट्विटर पर साझा की है।

उन्होंने आगे लिखा कि, बैठक में इस बात पर प्रकाश डाला कि यथास्थिति का एकतरफा परिवर्तन स्वीकार्य नहीं होगा। हमारे संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति की पूर्ण बहाली और रखरखाव आवश्यक है। इसके साथ ही दोनों देश वरिष्ठ सैन्य कमांडरों स्तर की बैठक बुलाने पर सहमत हुए हैं।

इससे पहले अफगानिस्तान के मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य उसका अतीत नहीं हो सकता और दुनिया हिंसा और बल द्वारा सत्ता हथियाने के खिलाफ है। जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक बैठक में कहा कि दुनिया हिंसा और बल द्वारा सत्ता हथियाने के खिलाफ है और ऐसे कृत्यों को वैध नहीं ठहराया जायेगा। विदेश मंत्री ने संबोधन में यह सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया कि अफगानिस्तान के पड़ोसियों को आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ से खतरा नहीं हो।

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