भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनससी) की बैठक में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार की गई व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर भारत का पक्ष रखा। शृंगला ने कहा कि परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया के लिए भारत भी प्रतिबद्ध है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के पहले विशेष सत्र के मुताबिक परमाणु हथियारों का पूरी तरह खत्म किया जाना जरूरी है।
शृंगला ने कहा, “हमारा मानना है कि यह लक्ष्य एक तय प्रक्रिया के जरिए हासिल किया जा सकता है। इसके तहत वैश्विक शक्तियां भेदभाव रहित बहुपक्षीय ढांचा अपनाकर सार्वभौमिक प्रतिबद्धता को पूरा कर सकती हैं।”
विदेश सचिव ने कहा, “भारत ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) के तहत हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्ताव पर वार्ता में हिस्सा लिया था। लेकिन भारत इस संधि का हिस्सा नहीं बन सकता, क्योंकि यह संधि भारत द्वारा चिह्नित की गईं मूल चिंताओं को दूर नहीं करती।”
शृंगला ने कहा, “भारत परमाणु हथियारों की टेस्टिंग पर स्वैच्छिक, एकपक्षीय प्रतिबंध के साथ है और लगातार वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचे में अपना योगदान दे रहा है। भारत वैश्विक परमाणु अप्रसार (नॉन-प्रॉलिफिरिशेन) का अहम साझेदार है।”