फैक्ट चेकर और उसके नाम पर समाज में वैमनस्यता फैलाने वाले लोगों के बीच अंतर को समझना जरूरी है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को संसद में यह बात कही। आरजेडी के सांसद मनोज कुमार झा के एक सवाल के जवाब में ठाकुर ने कहा, ‘यह समझना जरूरी है कि फैक्टचेकर कौन है और कौन समाज में वैमनस्यता फैलाने का प्रयास करता है। यदि उनके खिलाफ शिकायत दर्ज होती है तो फिर कानून अपने मुताबिक काम करेगा।’ मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए मनोज झा ने पूछा था कि समाज में नफरत फैलाने वाले लोगों से निपटने के लिए क्या प्रक्रिया है।
अल्ट न्यूज के फाउंडर मोहम्मद जुबैर को सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को ही जमानत मिली थी। उन्हें यूपी में दर्ज 6 एफआईआर में सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए अंतरिम बेल का आदेश दिया था। इसके बाद वह कल शाम को जेल से बाहर आए थे। मनोज झा ने कहा था, ‘मैं कहना चाहूंगा कि जिन लोगों के भाषणों के चलते समाज में वैमनस्यता फैलती है, उनके खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया जाता है। लेकिन फैक्ट चेकर्स के खिलाफ कार्रवाई हो जाती है, जैसा हमने पिछले दिनों देखा है।’ इस पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि अखबारों के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज होने पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से फैसला लिया जाता है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ऐंड आईटी मिनिस्ट्री की ओर से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारित कॉन्टेंट पर कार्रवाई की जाती है।
उन्होंने कहा कि समाज में फैक्ट चेक के नाम पर वैमनस्यता फैलाने वाले लोगों पर कानून के तहत ऐक्शन हुआ है। इसमें मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है। मोहम्मद जुबैर बुधवार की शाम को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ घंटों बाद तिहाड़ जेल से रिहा हुए थे। उन्हें एक ट्वीट के मामले में दिल्ली पुलिस ने पिछले सप्ताह अरेस्ट किया था, जिसे उन्होंने 2018 में लिखा था। एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2021-22 में फेक न्यूज फैलाने वाले 94 यूट्यूब चैनलों, 747 यूआरएल और 19 सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक किया था।