जस्टिस चंद्रचूड ने किया केरल हाईकोर्ट में ई-फाइलिंग का उद्घाटन

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने शनिवार को कोच्चि में केरल हाईकोर्ट के ई-फाइलिंग, पेपरलेस कोर्ट और ई-आफिस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इससे न्याय सुलभ होगा। अदालतों की कार्यप्रणाली को विकेंद्रित करने की दिशा में ई-फाइलिंग और पेपरलेस कोर्ट बड़े कदम हैं।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कोरोना काल में शीर्ष कोर्ट का कामकाज ऑनलाइन तरीके से निपटाने से मिले अनुभवों के आधार पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि अदालती दस्तावेजों की ई-फाइलिंग से पक्षकार और वकीलों के बीच का संपर्क मजबूत हुआ है। ऐसे में डिजिटल साक्षरता के लिए राज्य सरकारों को तेजी से प्रयास करना चाहिए। जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट की न्यायिक कार्यों को आनलाइन करने के लिए बनी ई-कमेटी के प्रमुख हैं। 

उन्होंने आगे कहा कि केरल हाईकोर्ट के ताजा प्रयास सभी लोगों को उनके द्वार पर न्यायिक सुविधा उपलब्ध कराएंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो ई-सर्विसेस के जरिये सरकार ने नागरिकों को आसान न्याय की सुविधा उपलब्ध कराई है। इससे न्याय प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण हुआ और न्याय पाना सरल हुआ है। उन्होंने कहा कि वादी, प्रतिवादी और अधिवक्ताओं का कोर्ट में जाने-आने में लगने वाला समय, शक्ति और धन बचेगा। दस्तावेजों की ई-फाइलिंग से निर्धारित प्रारूप पर सारी सूचनाएं भी कोर्ट को समय और स्पष्ट रूप से मिल जाएंगी। ई-फाइलिंग का कार्य घर या कार्यालय से ऑनलाइन किया जा सकेगा। 

साक्षरता में मिसाल पेश कर चुका केरल उठाए जिम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज ने यह भी कहा कि इस सबके लिए हाईस्पीड इंटरनेट के साथ ही डिजिटल साक्षरता का विकास भी जरूरी है। केरल ने शिक्षा के विकास और साक्षरता के क्षेत्र में मिसाल पेश की है। इसलिए केरल को ही डिजिटल साक्षरता दर बढ़ाने की जिम्मेदारी भी संभालना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद केरल के सीएम पिनराई विजयन से इस बारे में आग्रह किया। सीएम विजयन ने पेपरलेस कोर्ट का उद्घाटन किया, जबकि केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार ने ई-आफिस का शुभारंभ किया। 

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