लेफ्टिनेंट जनरल जीएवी रेड्डी को बनाया गया रक्षा खुफिया एजेंसी का नया प्रमुख

लेफ्टिनेंट जनरल जीएवी रेड्डी (Lieutenant General GAV Reddy) को रक्षा खुफिया एजेंसी (Defence Intelligence Agency) के नए प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है. वो लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों (Lt Gen KJS Dhillon) का स्थान लेंगे, जो आज (सोमवार) सेवानिवृत्त हुए हैं. वहीं भारतीय सेना की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती सोमवार को उप सेना प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हो गए. मोहंती ने पिछले साल 1 फरवरी को उप सेना प्रमुख का पदभार संभाला था. वो सेना के दक्षिणी कमान का नेतृत्व कर रहे थे, जब उन्हें थल सेनाध्यक्ष (VCOAS) के उप प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था. इंडियन मिलट्री कॉलेज देहरादून और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र मोहंती को 12 जून, 1982 को राजपूत रेजिमेंट में शामिल किया गया था. उन्हें दो ब्रिगेडों की कमान संभालने का अनूठा गौरव प्राप्त है. पहला वास्तविक नियंत्रण रेखा पर और दूसरा कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में बहुराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र ब्रिगेड में. अपनी सेवा के दौरान उन्होंने आतंकवाद विरोधी माहौल में रंगिया स्थित डिवीजन और डोकलाम घटना के तुरंत बाद सिक्किम स्थित त्रिशक्ति कोर की कमान संभाली.

लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों भारतीय सेना में 39 साल के अपने करियर के दौरान विभिन्न रणनीतिक पदों पर सेवा देने के बाद सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए. उनकी आखिरी तैनाती रक्षा खुफिया एजेंसी महानिदेशक और इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के उप प्रमुख के तौर पर थी. दिसंबर 1983 में सेना में कमीशन प्राप्त करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ‘टाइनी ढिल्लों’ के नाम से जाने जाते हैं. उन्होंने कश्मीर स्थित 15वीं कोर के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान ‘ऑपरेशन मां’ शुरू करने के लिए व्यापक प्रशंसा अर्जित की. इसके तहत उन्होंने आतंकवाद में शामिल हुए युवाओं के परिवारों से विशेष रूप से ऐसे गुमराह युवाओं की माताओं से संपर्क किया और उनसे अपने बच्चों को राष्ट्रीय मुख्यधारा में वापस लाने का अनुरोध किया था.

लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने कहा था कि अच्छा करो और अपनी मां की और फिर अपने पिता की सेवा करो. पवित्र कुरान में मां का महत्व यही है. यही संदेश मैं सभी गुमराह युवाओं को बताता था. लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों रणनीतिक रूप से स्थित 15वीं कोर के कोर कमांडर के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद सुर्खियों में आए, जब सुरक्षाबलों ने पुलवामा में सीआरपीएफ कर्मियों पर फरवरी 2019 के आतंकी हमले के मास्टरमाइंड कामरान उर्फ ​​’गाजी’ को मार गिराया था. उस आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. सुरक्षाबलों की इस सफलता की घोषणा करने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन में उनकी टिप्पणी थी, कितने गाजी आए और कितने गए, हम यहीं हैं देख लेंगे सबको.

सोशल मीडिया में वायरल हुआ था लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों का बयान

लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों के सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस बयान को नियंत्रण रेखा के साथ-साथ भीतरी इलाकों में आतंकवाद से लड़ने में सेना के संकल्प के प्रतिबिंब के रूप में देखा गया. कश्मीर में अपने कार्यकाल के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने पाकिस्तान को करारा जवाब सुनिश्चित किया, जो घुसपैठ के लिए आतंकवादियों को कवर प्रदान करने के लिए गोलीबारी करता था. कश्मीर में अपने कार्यकाल के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने एक खुफिया इकाई डीआईए के डीजी के रूप में पदभार संभाला, जिसे 2002 में मंत्रियों के एक समूह की सिफारिशों पर गठित किया गया था.

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