मेघालय: आरक्षण नीति की समीक्षा के लिए विशेषज्ञ समिति गठित

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मूलचंद गर्ग को राज्य आरक्षण नीति की समीक्षा के लिए मेघालय सरकार की ओर से गठित विशेषज्ञ समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बता दें कि खासी और गारो आदिवासियों के लिए 40-40 फीसदी, अन्य पिछड़ी जनजातियों के लिए 15 फीसदी और सामान्य वर्ग के लिए 5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने वाली आरक्षण नीति की खासी हिल्स क्षेत्र के कुछ संगठनों की मांग के बाद समीक्षा का प्रस्ताव किया गया था।

मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में गर्ग और विशेषज्ञ समिति के चार अन्य सदस्यों के नाम को मंजूरी दी गई। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डॉ. सतीश चंद्र को भी समिति के संवैधानिक कानून में विशेषज्ञ सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। न्यायमूर्ति चंद्र सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण के पूर्व अध्यक्ष भी हैं।

अन्य तीन विशेषज्ञ सदस्यों में शिलॉन्ग के एनईएसचू समाजशास्त्र विभाग के विशेषज्ञ प्रोफेसर डी वी कुमार, भारतीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान, मुंबई के प्रजनन और सामाजिक जनसांख्यिकी विभाग के प्रोफेसर चंद्र शेखर और आईआईएम में अर्थशास्त्र और सार्वजनिक नीति के सहायक प्रोफेसर सुभदीप मुखर्जी हैं।  

मेघालय के कैबिनेट मंत्री अम्परीन लिंगदोह ने कहा कि विशेषज्ञ समिति के विचारार्थ विषय मौजूदा आरक्षण नीति का अध्ययन करना और यदि आवश्यक हो तो संशोधनों की सिफारिश करना और सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करना और सभी हितधारकों के विचार जानने के लिए राज्य के विभिन्न स्थानों का दौरा करना होगा। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समिति को 12 महीने के भीतर मेघालय सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।

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