मणिपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद उपद्रवी लगातार घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। वहीं अज्ञात उपद्रवियों ने मणिपुर के एक और जिले कांगपोकपी के गांव हरोथेल में गोलीबारी की है। यहां बिना वजह के लोगों पर कुछ उपद्रवियों ने गोलीबारी कर दी, जिसमें कुछ लोगों के घायल होने की सूचना है। मामले की जानकारी देते भारतीय सेना ने कहा कि मामले को बढ़ने से रोकने के लिए क्षेत्र में तैनात सैनिकों ने स्थिति को संभाला।
सेना की कार्रवाई से स्थिति कंट्रोल में
सेना अपने बयान में कहा कि सशस्त्र उपद्रवियों ने 5.30 बजे अकारण गोलीबारी शुरू कर दी। रास्ते में सेना की टुकड़ियों पर भी पर गोलीबारी की गई। वहीं किसी भी अतिरिक्त क्षति को रोकने के लिए सुव्यवस्थित तरीके से सेना ने जवाब दिया। सैनिकों की त्वरित कार्रवाई के परिणामस्वरूप गोलीबारी बंद हो गई। कांगपोकपी जिले का हरोथेल गांव राजधानी इंफाल से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है।
कितने लोग गोलीबारी में जख्मी हुए अभी सूचना नहीं
आगे सेना ने कहा कि कुछ लोगों के हताहत होने का संकेत मिला है हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। इलाके में बड़ी भीड़ जमा होने की भी खबर है। हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है। बाद में आगे की जानकारी दी जाएगी। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
सेना के लगभग 10000 जवान तैनात
मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 फीसदी है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी (नागा और कुकी) आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं। हिंसा को रोकने और कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए सेना के लगभग 10,000 जवानों और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया है।