जोरम पीपल्स मूवमेंट (जेडपीएम) को शानदार जीत दिलाने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा (73) का राजनीतिक सफर कई बाधाओं से जूझते हुए बीता है। दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले सांसद रहे लालदुहोमा अब मिजोरम की सत्ता संभालेंगे। उन्होंने 2020 में जोरम पीपल्स मूवमेंट (जेडपीएम) का गठन किया और तीन साल में ही सत्ता तक पहुंचा दिया।
लालदुहोमा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा अधिकारी के तौर पर सेवा दे चुके हैं। उन्होंने पहली बार 1984 में कांग्रेस के टिकट पर मिजोरम विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे। उसी वर्ष बतौर कांग्रेस उम्मीदवार वह निर्विरोध सांसद चुने गए। तत्कालीन मुख्यमंत्री ललथनहवला और कुछ कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगने के बाद उन्होंने 1986 में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और पार्टी से अपनी प्राथमिक सदस्यता वापस ले ली।
कांग्रेस छोड़ने के बाद लालदुहोमा दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले सांसद बने। 2020 में विधायक के तौर पर भी अयोग्य घोषित हो चुके हैं। उन पर आरोप लगा कि वे निर्दलीय जीते और फिर जेडपीएम में शामिल हुए।
केंद्र से बनाएंगे अच्छे संबंध
लालदुहोमा ने कहा, मिजोरम की अगली सरकार केंद्र से अच्छे संबंध बनाए रखेगी, पर उनकी पार्टी किसी राजनीतिक समूह में शामिल नहीं होगी। उन्होंने कहा, उनकी प्राथमिकताएं अधूरी परियोजनाओं को पूरा करना होगा।