मोदी कैबिनेट ने मराठी, असमिया, बंगाली समेत पांच नई शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मंजूरी दी

किसानों की आमदनी और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने से जुड़े हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी देने के अलावा केंद्र सरकार ने गुरुवार को मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं को शास्त्रीय भाषा (क्लासिकल लैंग्वेज) का दर्जा दिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस फैसले के लिए पीएम मोदी का आभार भी प्रकट किया है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर पोस्ट किया कि असमिया अब एक शास्त्रीय भाषा है। असम के लोगों की ओर से मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं। पूरे केंद्रीय मंत्रिमंडल को असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के ऐतिहासिक निर्णय के लिए धन्यवाद देता हूं। असमिया चुनिंदा भाषाओं के समूह में शामिल हो गई है। 

उन्होंने लिखा कि यह असम की अनूठी सभ्यतागत जड़ों का उदाहरण है जो समय की कसौटी पर खरी उतरी है। कैबिनेट के निर्णय से हम अपनी मातृभाषा को बेहतर ढंग से संरक्षित कर पाएंगे, जो न केवल हमारे समाज को एकजुट करती है बल्कि असम के संतों, विचारकों, लेखकों और दार्शनिकों के प्राचीन ज्ञान के साथ एक अटूट कड़ी भी बनाती है।  हमारी पीढ़ी ने असमिया भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए जो बलिदान दिया है, उसे देखते हुए आज का दिन मेरे जीवन के सबसे खुशी के दिनों में से एक है।  भारत की विरासत को सुरक्षित रखने के उनके अथक प्रयासों के लिए एक बार फिर आदरणीय मोदी जी को हृदय से धन्यवाद।

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