कांग्रेस पर मोदी का शायराना तंज, ‘उन्हें आईना मत दिखाओ, वो आईने को भी तोड़ देंगे…’

लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर शायराना तंज कसा. उन्होंने कहा, ”वो जब दिन को रात कहें, तो तुरंत मान जाओ, नहीं मानोगे तो वो दिन में नकाब ओढ़ लेंगे. जरूरत हुई तो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ लेंगे, वो मगरूर हैं खुद की समझ पर बेइंतहा, इन्हें आईना मत दिखाओ, वो आईने को भी तोड़ देंगे.” पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दुर्भाग्य ये है कि आपमें से बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका कांटा 2014 में अटका हुआ है और उससे वो बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. उसका नतीजा भी आपको भुगतना पड़ा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की जनता आपको पहचान गई है, कुछ लोग पहले पहचान गए, कुछ लोग अब पहचान रहे हैं और कुछ लोग आने वाले समय में पहचानने वाले हैं. पिछली बार 1988 में त्रिपुरा में वहां की जनता ने आपको वोट दिया था, करीब 34 साल पहले. यूपी, गुजरात, बिहार ने आखिरी बार 1985 में कांग्रेस के लिए वोट किया था, करीब 37 साल पहले. पिछली बार पश्चिम बंगाल के लोगों ने करीब 50 साल पहले 1972 में आपको पसंद किया था.

पीएम मोदी ने कहा कि नागालैंड के लोगों ने आखिरी बार 1998 में कांग्रेस के लिए वोट किया था, करीब 24 साल हो गए. ओडिशा ने 1995 में आपके लिए वोट किया था, सिर्फ 27 साल हुए आपको वहां एंट्री नहीं मिली. गोवा में 1994 में पूर्ण बहुमत के साथ आप जीते थे, 28 साल से गोवा ने आपको स्वीकार नहीं किया. पीएम ने आगे कहा कि केवल सरकारें ही सभी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती हैं. 2014 से पहले हमारे देश में सिर्फ 500 स्टार्ट-अप थे, लेकिन पिछले 7 साल में देश में 60 हजार से अधिक स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं. ये हमारे युवाओं की ताकत को दर्शाता. हमनें गरीब श्रमिकों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए. आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत हजारों लाभार्थियों के खातों में हमने सीधे पैसे ट्रांसफर किए.

जिन्होंने 50 वर्षों तक देश की सरकारें चलाई, मेक इन इंडिया को लेकर उनका क्या रवैया था?

कुछ लोगों को देश के नौजवानों को, देश के एंटरप्रेन्योरश को, देश के वेल्थ क्रिएटर्स को डराने और भयभीत करने में आनंद आता है. लेकिन देश का नौजवान उनकी बातें सुन नहीं रहा है, इसीलिए देश आगे बढ़ रहा है.जिन्होंने 50 वर्षों तक देश की सरकारें चलाई, मेक इन इंडिया को लेकर उनका क्या रवैया था, इसके लिए सिर्फ डिफेंस सेक्टर को हम देखें तो सारी बातें समझ आती हैं कि वो क्या करते थे, कैसे करते थे, क्यों करते थे और किसके लिए करते थे. पहले नए इक्विपमेंट खरीदने के लिए वर्षों तक प्रक्रिया चलती थी. जब फाइनल निर्णय होता था, तब तक वो चीज पुरानी हो जाती थी, हम पैसे देते थे. हमनें इन सारी प्रक्रियाओं को आसान बनाया.

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