धरने पर बैठे निलंबित सांसद, राष्ट्रपति से मिलने के लिए मांगा समय

नई दिल्ली. राज्यसभा में सोमवार को विपक्षी सांसदों के हंगामे का मुद्दा उठा. सभापति एम वेंकैया नायडू ने विपक्ष के दुर्व्यवहार पर कहा कि कल राज्यसभा के लिए बुरा दिन था. इसके बाद कार्रवाई करते हुए आठ सांसदों को एक हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया गया. हालांकि मनाही के बावजूद निलंबित सदस्य सदन की कार्यवाही में लगातार हिस्सा लेते रहे. जिसके कारण राज्यसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल सकी और इसे मंगलवार सुबह तक के लिए स्थगित करना पड़ा. संसद परिसर में निलंबित सांसद धरना दे रहे हैं. भाजपा ने निलंबित सांसदों के सदन में मौजूद रहने को गुंडागर्दी करार दिया. वहीं ममता बनर्जी ने कहा कि हम घुटने नहीं टेकेंगे.

राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे 12 दल

कांग्रेस सांसद शक्तिसिन्ह गोहिल ने कहा, कल मतदान के बिना राज्यसभा द्वारा पारित कृषि विधेयकों के मामले में 12 दलों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है. पार्टियों ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वे विधेयकों को मंजूरी न दें.

ये सांसद दे रहे हैं धरना

तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, आप के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुन बोरा और सैयद नासिर हुसैन, सीपीआईएम के केके रागेश और एलमरन करीम संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन्हें सभापति ने उपसभापति हरिवंश के साथ दुर्व्यवहार करने की वजह से एक हफ्ते के लिए निलंबित किया है.

सदस्यों की यथास्थिति बहाली तक जारी रहेगा धरना

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता-प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, मैं राज्यसभा सदस्यों के इस तरह के बर्बर और अलोकतांत्रिक तरीके से निष्कासन की निंदा करता हूं. हम राज्यसभा में अपने सदस्यों की यथास्थिति बहाली होने तक विरोध करेंगे.

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