बंगाल में ओबीसी का आरक्षण छीन देशद्रोही ताकतों को दिया जा रहा बढ़ावा- नड्डा

बंगाल में ओबीसी के कोटे और उनके आरक्षण को ममता सरकार खुलेआम मुस्लिम तुष्टिकरण की भेंट चढ़ा रही हैं। पिछड़े वर्ग के लोगों को उनके जायज हक से वंचित रख रही हैं। ममता सरकार ने पिछड़ा वर्ग का आरक्षण छीन कर देशद्रोही ताकतों को बढ़ावा दिया है। यह बात बिलासपुर परिधि गृह में पत्रकारों को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कही। नड्डा ने कहा कि यह जानकर हैरानी होगी कि बंगाल में 91.5 फीसदी आरक्षण का लाभ मुस्लिम ओबीसी के लोगों को दिया गया है।

अन्य लोगों को उनका हक अभी तक नहीं दिया है। बंगाल में कुल ओबीसी की 179 जातियों को आयोग की ओर से दर्ज किया गया है। इसमें से 118 मुस्लिम समुदाय की जातियों को इसमें शामिल कर दिया गया है। इस तरह से बांग्लादेशी घुसपैठ और रोहिंग्या को प्रमाण पत्र देकर जातिगत आरक्षण का लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है। यह घुसपैठियों को सीधा लाभ देने का गंभीर षड्यंत्र है। 2011 से पहले बंगाल में ओबीसी की 108 जातियां शामिल थीं।

इनमें से 53 मुस्लिम और 55 हिंदुओं की जातियां थीं। ममता सरकार ने 71 नई जातियों को इस सूची में जोड़ा। इसमें 65 मुस्लिम और केवल 6 हिंदू जातियां हैें। बंगाल की जनसंख्या में 70.5 फीसदी हिंदू है और 27 फीसदी मुस्लिम, पर मुस्लिमों को ओबीसी आरक्षण के अंतर्गत 91.5 फीसदी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की एक रिपोर्ट में यह आंकड़े सामने आए हैं।

नड्डा ने तंज कसते हुए कहा कि इन विपक्षी दलों के हाथी के दांत हैं जो दिखाने के अलग और खाने के अलग होते हैं। हैरानी का विषय यह है कि बिहार में ओबीसी के भाइयों को प्रमाण पत्र तक नहीं दिए जा रहे हैं। पंजाब में 25 फीसदी ओबीसी का आरक्षण है और लाभ केवल 12 फीसदी ओबीसी लोगों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ओबीसी आयोग को इन सभी तथ्यों की उचित जांच करनी चाहिए।

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