विपक्षी दलों को ओवैसी की नसीहत; कहा- सुप्रीम कोर्ट जाना नासमझी भरा फैसला

केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के मसले पर विपक्षी दलों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उन दलों बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह एक गलत कदम था। यह राजनीति करने का सही तरीका नहीं था। जब हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा जैसे प्रतिद्वंद्वी का सामना कर रहे हैं तो सुप्रीम कोर्ट जाना एक नासमझी भरा फैसला था। अब इसने भाजपा को यह कहने का मौका दिया है कि सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष के दावों को नकार दिया है। 

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस के नेतृत्व में 14 राजनीतिक दलों की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि किसी मामले के तथ्यों से संबंध के बिना सामान्य दिशानिर्देश देना खतरनाक होगा। याचिका पर विचार करने में शीर्ष अदालत की अनिच्छा को भांपते हुए राजनीतिक दलों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी।

पीठ ने आदेश दिया कि अधिवक्ता इस स्तर पर याचिका वापस लेने की अनुमति चाहते हैं। याचिका तदनुसार वापस ली गई मानते हुए खारिज की जाती है। आप कृपया तब हमारे पास आएं जब आपके पास कोई व्यक्तिगत आपराधिक मामला या मामले हों।

इन दलों ने लगाई थी याचिका
कांग्रेस, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), आम आदमी पार्टी (आप), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना (यूबीटी), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), जनता दल यूनाइटेड (जदयू), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और जम्मू कश्मीर नेशनल कान्फ्रेंस।

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