देश में इन दिनों एक संदिग्ध सॉफ्टवेअर को लेकर बवाल मचा हुआ है, इसका नाम ‘पेगासस स्पाइवेयर’ बताया जा रहा है। केंद्र सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि वह इस कंपनी के सॉफ्टवेअर से लोगों के डिवाइस हैक कर उनकी जासूसी कर रही है। इस मामले पर मचे घमासान के बीच शिवसेना ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक ज्ञापन सौंप ‘पेगासस प्रोजेक्ट’ मीडिया रिपोर्ट की जांच की मांग की है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने मंगलवार को बड़ा दावा करते हुए कहा कि ‘पेगासस’ जासूसी के सिलसिले में दो केंद्रीय मंत्रियों- प्रह्लाद जोशी और अश्विनी वैष्णव के नाम भी सामने आए हैं। बाद में उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। वैष्णव, जिनकी जासूसी भी की गई है, उन्हें उसी (आईटी) विभाग का मंत्री बनाया गया। संजय ने आगे कहा, अगर यूपीए की सरकार होती तो बीजेपी देश में हंगामा करती, वे सदन को सुचारू रूप से चलने नहीं देते थे। हम संयुक्त संसदीय समिति से भी जांच की मांग करते हैं। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों को सच बताना चाहिए।
इस सिलसिले में मंगलवार को शिवसेना सांसद विनायक राउत, गजानन कीर्तिकर, अरविंद सावंत, सदाशिव लोखंडे, कृपाल तुमाने, धैर्यशील माने और बालू धनोरकर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें संयुक्त संसदीय समिति द्वारा ‘पेगासस प्रोजेक्ट’ मीडिया रिपोर्ट की जांच की मांग की गई। बता दें कि रविवार को सामने आए ‘पेगासस प्रोजेक्ट’ को लेकर एक मीडिया रिपोर्ट के बाद से ये हंगामा शुरू हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया कि पेगासस एक मैलवेयर है जो आईफोन और एंड्राइड उपकरणों को प्रभावित करता है। यह लोगों के डिवाइस से उनके मैसेज, फोटो और ईमेल, कॉल रिकॉर्ड और माइक्रोफोन एक्टिव कर उनकी बातें भी सुन सकता है।