प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की से टेलीफोन पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने नेपाल में शांति और स्थिरता बहाल करने के उनके प्रयासों के प्रति भारत के मजबूत समर्थन का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, “नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की से सौहार्दपूर्ण चर्चा हुई। हाल ही में हुई जनहानि पर गहरी संवेदना प्रकट की और शांति एवं स्थिरता कायम रखने की उनकी कोशिशों में भारत के दृढ़ समर्थन की पुष्टि की। साथ ही, राष्ट्रीय दिवस पर उन्हें और नेपाल की जनता को शुभकामनाएं दीं।”

यह बातचीत उस समय हुई जब सुशीला कार्की ने संसद भंग होने और विरोध प्रदर्शनों के बीच अंतरिम प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला है। 8 सितंबर को हुए हिंसक प्रदर्शनों और झड़पों के बाद यह राजनीतिक बदलाव सामने आया। ये विरोध मुख्य रूप से जेनरेशन ज़ेड के युवा कार्यकर्ताओं द्वारा चलाए गए, जिन्होंने भ्रष्टाचार, जवाबदेही की कमी और राजनीतिक नेतृत्व की नाकामी को लेकर नाराजगी जताई। आंदोलन तब और तेज हुआ जब तत्कालीन सरकार ने सोशल मीडिया पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया।
73 वर्षीय सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं और अब देश की पहली महिला प्रधानमंत्री भी बनीं। उन्हें जेनरेशन ज़ेड के आंदोलन का व्यापक समर्थन हासिल है, जिसने हाल के दिनों में नेपाल की राजनीति को नया मोड़ दिया है। वह 5 मार्च 2026 तक अंतरिम प्रधानमंत्री के पद पर रहेंगी, इसके बाद संसद नए प्रधानमंत्री का चुनाव करेगी।
कार्की ने बीते शुक्रवार को शपथ ग्रहण की थी। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद प्रदर्शनकारियों ने सामूहिक रूप से उनके नाम पर सहमति जताई थी।
इससे पहले मंगलवार को नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने सिंह दरबार स्थित उनके कार्यालय में भेंट की थी। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बताया कि बैठक में राजदूत श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से बधाई संदेश दिया और दोनों देशों के बीच मित्रता व सहयोग को और गहरा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।