‘2014 में पीएम मोदी को भी छूट दी’, सऊदी क्राउन प्रिंस को लेकर घिरे अमेरिका ने दिया उदाहरण

पत्रकार जमाल खशोगी की निर्मम हत्या में आरोपी सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को यूएस ने छूट देने का एलान किया है। जिसके बाद इस पर सवाल उठे हैं।ऐसे में शुक्रवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इन सवालों का जवाब दिया है। उन्होंने पीएम मोदी का नाम लेते हुए कहा कि ये पहली बार नहीं है। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका में अभियोजन पक्ष से ऐसी ही सुरक्षा दी गई थी। वहीं, पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में अमेरिका के न्याय मंत्रालय ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय कानून में किसी राष्ट्राध्यक्ष को छूट मिलने की बात पूरी तरह स्थापित है। 

अमेरिका ने दिया बयान
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी पत्रकार जमाल खशोगी की निर्मम हत्या के मामले में सऊदी क्राउन प्रिंस को आरोपी बनाया गया गया है। वहीं, छूट देने को लेकर बनाए जा रहे दबाव पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि पीएम मोदी उन लोगों में से थे जिन्हें भी ऐसे ही समान सुरक्षा मिली थी। उन्होंने कहा कि ‘यह पहली बार नहीं है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने ऐसा किया है। यह एक दीर्घकालिक और निरंतर प्रयास है। इसे पहले कई राष्ट्राध्यक्षों पर लागू किया गया है।’

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 1993 में हैती में राष्ट्रपति एरिस्टाइड, 2001 में जिम्बाब्वे में राष्ट्रपति मुगाबे, 2014 में भारत में प्रधान मंत्री मोदी, और 2018 में डीआरसी में राष्ट्रपति कबीला को भी ऐसे ही राहत दी गई थी। उन्होंने कहा कि यह एक सतत प्रक्रिया है जिसके तहत हमने राष्ट्राध्यक्षों, सरकार प्रमुखों और विदेश मंत्रियों को छूट दी है। हालांकि, भारत ने अभी तक टिप्पणी पर टिप्पणी नहीं की है।

क्राउन प्रिंस को कैसे मिली छूट
गौरतलब है कि हाल ही में सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को प्रधानमंत्री के रूप नामित किया गया है। करीब छह सप्ताह पहले  सऊदी अरब के राजा सलमान ने यह घोषणा की थी। वहीं, क्राउन प्रिंस को इस साल सितंबर में ही प्रधानमंत्री का पद मिला है। जिसके बाद साल 2018 में अमेरिकी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में सऊदी अरब के पीएम के रूप में उनकी भूमिका को देखते हुए बाइडन प्रशासन ने छूट दी है।  

पीएम मोदी को भी मिली थी छूट
गौरतलब है कि साल 2002 में गुजरात में हुए दंगो को लेकर अमेरिका ने साल 2005 में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र  मोदी पर वीजा प्रतिबंध लगाया था। अमेरिका ने आरोप लगाया था कि उनकी सरकार के कार्यकाल में हुए गुजरात में 2002 के दंगों को उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में रोकने के लिए कुछ नहीं किया था। हालांकि, बाद में जब 2014 में नरेंद्र मोदी देश के पीएम बन गए तो यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ के बहिष्कार को समाप्त कर दिया था।  

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here