स्वामीनाथन की जन्मशती पर पीएम मोदी करेंगे सम्मेलन का उद्घाटन, जारी होगा स्मारक सिक्का और डाक टिकट

New Delhi, Apr 29 (ANI): Prime Minister Narendra Modi chairs a meeting with Defence Minister Rajnath Singh (unseen), National Security Advisor Ajit Doval (unseen), Chief of Defence Staff General Anil Chauhan (unseen) and chiefs of all the Armed Forces, in New Delhi on Tuesday. (ANI Photo)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार, 7 अगस्त को प्रतिष्ठित कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की जन्मशती के उपलक्ष्य में आयोजित शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि स्वरूप एक विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा की।

पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा, “7 अगस्त को सुबह 9 बजे दिल्ली में एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ होगा। यह दिन उनकी जन्मशती का भी है, जिससे यह कार्यक्रम और भी खास बन जाता है। दुनिया भर में डॉ. स्वामीनाथन की विशेषज्ञता और कृषि अनुसंधान तथा खाद्य सुरक्षा के प्रति समर्पण की सराहना की जाती है। सम्मेलन में ‘सदाबहार क्रांति’ और ‘जैव-सुख का मार्ग’ जैसे विषयों पर मंथन होगा।”

तीन दिवसीय सम्मेलन में होगा कृषि क्षेत्र पर मंथन

‘सदाबहार क्रांति – जैविक समृद्धि की ओर’ विषय पर केंद्रित यह तीन दिवसीय सम्मेलन प्रोफेसर स्वामीनाथन के टिकाऊ और समावेशी विकास में दिए गए योगदान को सम्मानित करने हेतु आयोजित किया जा रहा है। उन्हें भारत में हरित क्रांति का प्रमुख शिल्पी माना जाता है। 1960 और 1970 के दशक में गेहूं और चावल की अधिक उत्पादक किस्मों के विकास में उनकी भूमिका ने देश को खाद्यान्न संकट से बाहर निकालकर आत्मनिर्भर बनाया।

प्रोफेसर स्वामीनाथन के नाम पर पुरस्कार की शुरुआत

सम्मेलन में वैज्ञानिकों, नीति निर्धारकों, विकास विशेषज्ञों और अन्य संबंधित पक्षों को ‘सदाबहार क्रांति’ की अवधारणा को आगे बढ़ाने पर विचार करने का अवसर मिलेगा। एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (MSSRF) और विश्व विज्ञान अकादमी (TWAS) के संयुक्त प्रयास से ‘एमएस स्वामीनाथन खाद्य एवं शांति पुरस्कार’ की स्थापना की जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी इस पुरस्कार के पहले विजेता को सम्मानित भी करेंगे।

‘स्वामीनाथन ने देश की कृषि को नई दिशा दी’

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक एम.एल. जाट ने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रोफेसर स्वामीनाथन ने भारत को खाद्यान्न की कमी से उबार कर एक अधिशेष राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “स्वामीनाथन भारतीय कृषि के ऐसे नायक थे, जिनके नेतृत्व ने देश के हरित परिदृश्य को पूरी तरह रूपांतरित कर दिया।”

जाट ने यह भी बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य कृषि क्षेत्र के लिए भावी दिशा तय करना है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी को विशेष रूप से बढ़ावा देने पर बल दिया जाएगा। एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन और केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह आयोजन, भारत के कृषि विज्ञान में अग्रणी व्यक्तित्व और खाद्य सुरक्षा के मार्गदर्शक की जन्मशताब्दी को समर्पित है।

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