प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी गुजरात दौरे पर हैं. आज पीएम मोदी ने गुजरात के केवड़िया से सी-प्लेन सेवा का उद्घाटन किया. पीएम ने इसके साथ ही एकता दिवस पैरेड में भी हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने आज सिविल सर्विसेज प्रोबेशनर्स को वर्चुअली संबोधित भी किया है. आपको बता दें कि देशभर में आज सरदार पटेल की जयंती मनाई जा रही है. गौरतलब है कि इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.
पीएम ने सिविल सर्विसेज प्रोबेशनर्स को किया वर्चुअली संबोधित
पीएम मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए लोगों से कहा कि दिखास’ और ‘छपास’ ये दो रोगों से दूर रहिएगा. दिखास और छपास यानी, टीवी पर दिखना और अखबार पर छपना. ये दोनों रोग जिसे लगे, वो अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर सकता. उन्होंने आगे कहा,”जो भी काम करिए, जिस किसी के लिए भी करिए, अपना समझ कर करिए. जब आप अपने विभाग में सामान्य जनों को अपना परिवार समझ कर काम करेंगे, तो आपको कभी थकान नहीं होगी, आप हमेशा नई ऊर्जा से भरे रहेंगे.
हमें गवर्नमेंट से गवर्नेंस की तरफ बढ़ने की जरूरत
उन्होंने कहा कि सरकार शीर्ष से नहीं चलती है. नीतियां जिस जनता के लिए हैं, उनका समावेश बहुत जरूरी है. जनता केवल सरकार की नीतियों की, प्रोग्राम्स की रिसीवर नहीं है, जनता जनार्दन ही असली ड्राइविंग फोर्स है. इसलिए हमें गवर्नमेंट से गवर्नेंस की तरफ बढ़ने की जरूरत है.
सिविल सेवा अधिकारी के लिए कही ये बड़ी बात
पीएम ने कहा कि एक सिविल सेवा अधिकारी के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप देश के सामान्य मानवी से निरंतर जुड़े रहें. जब आप लोगों से जुड़े रहेंगे, तो लोकतंत्र में काम करना और आसान हो जाएगा. फील्ड में लोगों से कट-ऑफ कभी मत कीजिए.
सरदार पटेल ही सिविल सेवा के जनक थे
उन्होंने आगे कहा कि हाल के समय ट्रेनिंग में आधुनिक अप्रोच कैसे आए, इस बारे में बहुत सोचा नहीं गया. लेकिन अब देश में ह्यूमन रिसोर्स की आधुनिक ट्रेनिंग पर जोर दिया जा रहा है. बीते 2-3 वर्षों में ही सिविल सर्वेन्ट्स की ट्रेनिंग का स्वरूप बहुत बदल गया है. एक प्रकार से सरदार पटेल ही देश की सिविल सेवा के जनक थे. 21 अप्रैल 1947 को प्रशासनिक अधिकारियों के पहले बैच को संबोधित करते हुए सरदार पटेल ने सिविल सेवा के अधिकारियों को देश का स्टील फ्रेम कहा था.
कर्तव्य, दायित्व, प्रण के बारे में सोचने पर बल दिया
पीएम ने कहा, “आपसे मेरा आग्रह है कि आज की रात सोने से पहले खुद को आधा घंटा दीजिए. अपने कर्तव्य, दायित्व, प्रण के बारे में जो आप सोच रहे हैं, उन्हें लिखकर रख लीजिएगा. ये कागज का टुकड़ा जीवन भर आपके संकल्पों को साकार करने के लिए आपके हृदय की धड़कन बनकर आपके साथ रहेगा.
सिविल सर्वेंट से किया ये विशेष आग्रह
पीएम ने कहा कि अफसरों को सरदार साहब की सलाह थी कि देश के नागरिकों की सेवा अब आपका सर्वोच्च कर्तव्य है. मेरा भी यही आग्रह है कि सिविल सर्वेंट जो भी निर्णय ले, वो राष्ट्रीय संदर्भ में हों, देश की एकता अखंडता को मजबूत करने वाले हों.