देश के कई हिस्से इस वक्त भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की मार झेल रहे हैं। अगस्त का आखिरी हफ्ता शुरू हो चुका है, लेकिन उत्तर भारत के राज्यों में हालात बिगड़े हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। अचानक बाढ़ और भूस्खलन से 690 से अधिक सड़कें ठप हो गई हैं। मंडी और कुल्लू जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मनाली में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से एक होटल और चार दुकानें बह गईं। नेशनल हाईवे और मनाली-लेह मार्ग के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए। अब तक राज्य में बारिश और भूस्खलन से 156 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अरबों का नुकसान दर्ज हुआ है।
जम्मू-कश्मीर में भी हालात गंभीर हैं। जम्मू क्षेत्र में बीते दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से पुल और सड़कें टूट गए। माता वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन में 10 श्रद्धालुओं समेत 14 लोगों की मौत हो गई। कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। एहतियातन रात में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हालात की जानकारी साझा की है।
दिल्ली में इस अगस्त में अब तक की सबसे ज्यादा बारिश दर्ज हुई है। सामान्य से करीब 60% अधिक वर्षा हो चुकी है। राजधानी की कई सड़कों पर जलभराव और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है।
पंजाब के कपूरथला और फिरोजपुर जिलों में सतलुज और ब्यास नदियों के उफान से बाढ़ का खतरा गहरा गया है। गांवों में लोग घर खाली कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं।
लद्दाख में ऊंचाई वाले इलाकों में पहली बर्फबारी हुई है, जबकि निचले हिस्सों में बारिश जारी है। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है और कई उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं।
ओडिशा में भी 170 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सुवर्णरेखा और बैतरणी नदियों के उफान से बालासोर, भद्रक और जाजपुर जिले प्रभावित हैं।
राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश जारी है। मौसम विभाग ने जालौर, उदयपुर और सिरोही में अगले दिनों में अति भारी वर्षा की चेतावनी दी है।