विपक्ष के विरोध के बीच राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित

पेगासस जासूसी मुद्दा, कृषि कानून, ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और महंगाई पर विपक्ष की चर्चा की मांग के बीच राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति ने सदन में सीटी बजाने पर चिंता व्यक्त की और सदस्यों को कार्रवाई की चेतावनी दी। सदन के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि अगर इसकी अनुमति दी जाती है तो यह एक परंपरा बन जाएगी और ऐसे कृत्यों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने सदस्यों से असंसदीय मानदंडों से दूर रहने की अपील की।

गुरुवार को विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की थी। नारेबाजी के दौरान सदन में सीटी की आवाज आने के बाद उपसभापति हरिवंश ने चेतावनी दी कि वह उक्त सांसद का नाम लेंगे।

सभापति नायडू ने यह भी कहा कि वह के. सी. वेणुगोपाल द्वारा पेश किए गए स्वास्थ्य राज्य मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस की जांच कर रहे हैं।

वेणुगोपाल ने कहा, मैंने आज राज्यसभा में नियम 187 के तहत उनके भ्रामक बयान के बारे में एक विशेषाधिकार नोटिस दिया है कि क्या कोविड की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत हुई है।

शुरूआत में सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया था। सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होने के बाद प्रश्नकाल कुछ समय तक जारी रहा, लेकिन इसे फिर से दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

इसके बाद जब सदन की कार्यवाही दिन में तीसरी बार शुरू हुई, तो उपसभापति हरिवंश ने सदस्यों से निजी सदस्य विधेयकों को पेश करने के लिए कहा, जिसके बाद केवल सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ही इस पर गौर किया, जबकि विपक्षी सांसदों ने इसे अनदेखा किया। इस बीच विपक्ष ने अपना विरोध जारी रखा। हंगामे में नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया गया और जमा बीमा पर विधेयक सदन में पेश किया गया।

जब से संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है, केवल एक दिन विपक्ष ने कोविड की स्थिति पर चर्चा में भाग लिया। बाकी दिनों में विपक्ष ने सदन को चलने नहीं दिया और जमकर नारेबाजी की, जिसकी वजह से सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ा।

सरकार को घेरने के लिए विपक्ष एकजुट हो गया है। शुक्रवार को दोनों सदनों में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने मुलाकात की और अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया।

मौजूदा सत्र के दौरान रणनीति पर चर्चा करने के लिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में समान विचारधारा वाले विपक्षी दल बैठक कर रहे हैं। विपक्ष अपनी मांगों पर अड़ा है और कृषि कानूनों के अलावा पेगासस जासूसी मुद्दे, ईंधन की कीमतों में वृद्धि और महंगाई पर चर्चा करने के लिए केंद्र पर दबाव डाल रहा है।

सरकार हंगामे के बीच और बिना चर्चा के विधेयकों को पारित कर रही है जिसने सरकार और विपक्ष के बीच समीकरणों को और बिगाड़ दिया है।

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