राज्यसभा (Rajya Sabha) में मॉनसून सत्र के दौरान 11 और उससे पहले 10 अगस्त को हुई धक्कामुक्की और हंगामे का मामला अबतक खत्म नहीं हुआ है. विपक्षी पार्टियों और केंद्र सरकार दोनों की तरफ से अपनी-अपनी सफाई दी जा रही है. राज्यसभा के मार्शलों पर विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों पर भी सरकार की ओर से सफाई पेश की गयी है.
कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया था कि राज्यसभा में जितने सांसद नहीं थे, उससे ज्यादा मार्शल थे. वहीं पुरुष मार्शलों पर महिला सांसदों से धक्कामुक्की करने के भी आरोप लगे हैं. ऐसे में सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, किसी आउटसाइडर को मार्शल के रूप में तैनात नहीं किया गया था.
मार्शलों को सांसदों ने किया घायल: सरकारी सूत्र
सदन में संविधान (One Hundred and Twenty-Seventh Amendment) विधेयक, 2021 के पारित होने के बाद हंगामा शुरू हुआ जब जनरल इंश्योरेंस बिजनेस (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक पेश किया गया. उस वक़्त लगभग शाम का 5.45 बजे था. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस दौरान विपक्षी सांसद वेल में आ गए थे और उन्होंने टेबल पर चढ़ने की कोशिश की. इसके बाद पीठासीन भुवनेश्वर कालिता के निर्देश और SOP के मुताबिक सुरक्षाकर्मियों को हाउस की टेबल के आसपास तैनात किया गया था.
हंगामा बढ़ता देख अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को बुलाया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि सांसद नासिर हुसैन ने पहले संजय राउत को सुरक्षा कर्मियों की तरफ धक्का दिया फिर वापस खींचा. उस बीच एक लेडी मार्शल को सांसदों द्वारा बुरी तरह खींचा गया जिससे उसके चोट भी लगी.
दूसरे पुरुष मार्शल को एक सांसद ने गले से पकड़ा था, जिससे उसका गला दब गया था. आगे कहा गया है कि किसी को भी बाहर की सुरक्षा एजेंसी से नहीं बुलाया गया था. यह भी कहा गया है कि किसी मार्शल ने सांसदों संग गलत बर्ताव नहीं किया.
मार्शलों द्वारा घायल हुए सांसद: विपक्ष का रुख
धक्का-मुक्की में घायल हुईं कांग्रेस से राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम ने कहा था कि जितने सांसद नहीं थे, उतने मार्शल थे. पुरुष मार्शलों ने धक्का दिया है. इससे हमें चोट आई हैं. मैंने डॉक्टर को दिखाया. पेनकिलर खाई, अब जाकर कुछ आराम मिला है. बाकी की महिला सासंदों ने बताया कि उस दिन सदन के अंदर जितने सांसद थे उससे तीन गुना ज्यादा तो मार्शल उपस्थित थे, खड़े होने की भी जगह नहीं थी, वेल में जाने भी जगह नहीं थी और उसी बीच ऐसी आपाधापी हुई कि पुरुष मार्शल धक्कामुक्की करने लगे जिसमें हमारी महिला सासंद गिर गईं.
वेंकैया नायडू से मिले थे मल्लिकार्जुन खड़गे
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे विपक्षी नेताओं के डेलिगेशन के साथ राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मिले थे. खड़गे और विपक्षी नेताओं की तरफ से आरोप लगाया गया था कि 10 अगस्त से ही राज्यसभा में ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी, जो कि सामान्य दिनों में ड्यूटी का हिस्सा नहीं होते थे.
राज्यसभा में हुए हंगामे और धक्कामुक्की पर वेंकैया नायडू ने भी अधिकारियों को रिपोर्ट देने को कहा था. अब स्टाफ की तरफ से यह जानकारी दी गई कि 10 अगस्त को किसी भी बाहर के व्यक्ति को मार्शल के रूप में तैनात नहीं किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि लोकसभा और राज्यसभा के सिर्फ वॉच और वॉर्ड स्टाफ को मार्शल के तौर पर तैनात किया गया था. इसी की इजाजत है और संख्या जरूरत के हिसाब से तय होती है. बताया गया कि मार्शल की संख्या जरूरत के हिसाब से 14 से लेकर 42 तक हो सकती है. सब सदन के हालातों पर निर्भर करता है.