अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर हमला बोला है। मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जब भी आप सेना में किकबैक की बात सुनेंगे तो आपको कांग्रेस की याद आएगी। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में बिना किकबैक के कोई काम नहीं होता था। कोई भी डील बिना डील के नहीं होती थी।
दरअसल, अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में आरोपी राजीव सक्सेना ने पूछताछ में कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी, उनके बेटे बकुल नाथ, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और अहमद पटेल का नाम लिया है।
कांग्रेस राज में कोई भी डील बिना डील के नहीं होती
केंद्रीय मंत्री ने कहा, जब भी आप एक सैन्य सौदे में एक किकबैक के बारे में सोचते हैं, तो कुछ कांग्रेसी नेताओं का ख्याल आता है। बोफोर्स से लेकर सबमरीन घोटाले और अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टरों से लेकर जीप घोटाले तक, यूपीए सरकार में बिना किकबैक के कोई काम नहीं होता था। कांग्रेस राज में कोई भी डील बिना डील के नहीं होती थी।
अगस्ता वेस्टलैंड डील को लेकर रविशंकर प्रसाद ने कहा, 2010 में 3,600 करोड़ रुपये की राशि से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए वीवीआईपी अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीदने की बात हुई थी। दो साल बाद 2012 में मीडिया रिपोर्ट आ गई की किकबैक हुआ है।
उन्होंने कहा, 2013 में इस मामले में सीबीआई जांच शुरू हुई। दोस्तों ये मामला थोड़ा पुराना है, लेकिन यूपीए की विरासत खत्म नहीं होती है। हम छह साल से सत्ता में आए हैं, लेकिन अब तक यूपीए के कारनामे बाहर आ रहे हैं। जनवरी 2014 में सौदे को रद्द कर दिया गया। आज की कहानी से पहले आपको कुछ बता देता हूं, जिससे आपको समझने में आसानी हो।
कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर दे जवाब
केंद्रीय मंत्री ने कहा, राजीव सक्सेना ने ईडी को बताया कि नेताओं और शीर्ष अधिकारियों को पैसे दिए गए। टोटल किकबैक 70 मिलियन यूरो का था। उन्होंने कहा, अगर एपी का मतलब अहमद पटेल है तो एफएएम का मतलब भी लोगों के समक्ष आना चाहिए। क्या एफएएम का मतलब फैमिली है और अगर ऐसा है तो सब जानते हैं कि कांग्रेस पार्टी में परिवार किसका है।
प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा, युवराज और नेताओं को जवाब देना होगा। ये लोग देश को बताएं कि प्रमाणिक रूप से कोर्ट के सामने कांग्रेस के कई नेताओं का जिक्र आया है, इनका इस पर क्या कहना है?
क्या है पूरा मामला
वीवीआईआई हेलिकॉप्टर अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में इटली की एक अदालत का फैसला आने के बाद देश की राजनीति में भूचाल आ गया है. कहा जा रहा है कि 53 करोड़ डॉलर का ठेका पाने के लिए कंपनी ने भारतीय अधिकारियों को 100-125 करोड़ रुपये तक की रिश्वत दी थी. इतालवी कोर्ट के फैसले में पूर्व आईएएफ चीफ एस पी त्यागी का भी नाम सामने आया.
वीवीआईआई हेलिकॉप्टर अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में इटली की एक अदालत का फैसला आने के बाद देश की राजनीति में भूचाल आ गया है. कहा जा रहा है कि 53 करोड़ डॉलर का ठेका पाने के लिए कंपनी ने भारतीय अधिकारियों को 100-125 करोड़ रुपये तक की रिश्वत दी थी. इतालवी कोर्ट के फैसले में पूर्व आईएएफ चीफ एस पी त्यागी का भी नाम सामने आया है.
भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ साल 2010 में किए गए 3 हजार 600 करोड़ रुपये के करार को जनवरी 2014 में भारत सरकार ने रद्द कर दिया. इस करार में 360 करोड़ रुपये के कमीशन के भुगतान का आरोप लगा. कमीशन के भुगतान की खबरें आने के बाद भारतीय वायुसेना को दिए जाने वाले 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की सप्लाई के करार पर सरकार ने फरवरी 2013 में रोक लगा दी थी. जिस वक्त करार पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया उस वक्त भारत 30 फीसदी भुगतान कर चुका था और तीन अन्य हेलीकॉप्टरों के लिए आगे के भुगतान की प्रक्रिया चल रही थी.
3,600 करोड़ रुपये में हुई थी 12 चॉपर की डील
वीवीआईपी हेलीकॉप्टर बिक्री में गलत ‘अकाउंटिंग’ और भ्रष्टाचार करने को लेकर फिनमेकानिका के पूर्व प्रमुख गुसेप ओर्सी को साढ़े चार साल कैद की सजा सुनाई गई है. इतालवी रक्षा एवं एयरोस्पेस कंपनी ने 3,600 करोड़ रुपये में 12 चॉपर की डील की थी, जिसमें भ्रष्टाचार को लेकर मिलान की अपीलीय अदालत ने 2014 के पिछले अदालती आदेश को पलट दिया.
फर्जी बिल बनाने का आरोप
फिनमेकानिका हेलीकॉप्टर की अनुषंगी कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ बुर्नो स्पागनोलीनी को अदालत ने चार साल की कैद की सजा सुनाई थी. अदालत ने भारत सरकार को 12 हेलीकॉप्टरों की बिक्री में भी दोनों को दोषी पाया. ओर्सी और स्पागनोलीनी दोनों पर अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार और भारत के साथ अनुबंध में करीब 4,250 करोड़ रुपये के रिश्वत के लेने-देन के सिलसिले में फर्जी बिल बनाने का आरोप है.
कौन हैं एसपी त्यागी?
हेलीकॉप्टर घोटाले में शक के दायरे में आए एसपी त्यागी का पूरा नाम शशींद्र पाल त्यागी है. इनका जन्म 14 मार्च 1945 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था. इन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई जयपुर के सेंट जेवियर स्कूल से की थी. 31 दिसंबर 1963 को एस पी त्यागी भारतीय वायु सेना में शामिल हुए. त्यागी ने 1965 और 1971 की जंग में भी शिरकत की है. जब सन 1980 में जगुआर भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया तो उस दौरान त्यागी का नाम भी उसे उड़ाने वाले आठ पायलटों में शामिल था. 1985 में उन्हें प्रतिष्ठित वायुसेना मेडल से नवाजा गया था. 31 दिसंबर 2004 को एसपी त्यागी ने भारतीय वायुसेना के 20वें एयर चीफ मार्शल के रूप में कार्यभार संभाला.
इस मामले में ये है नया खुलासा
कांग्रेस के राज में कई घोटाले हुए और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और उसके नेताओं ने जनता के पैसे का खूब बंदरबांट किया। यही वजह है कि आज भी भ्रष्टाचार का भूत कांग्रेस का पीछा नहीं छोड़ रहा है। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में मुख्य आरोपी और चार्टर्ड अकाउंटेंट राजीव सक्सेना ने पूछताछ के दौरान कांग्रेस के कई भ्रष्ट नेताओं को बेनकाब किया है। इनमें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी, बेटे नकुलनाथ, सलमान खुर्शीद और अहमद पटेल का नाम शामिल है।
राजीव सक्सेना ने ईडी के सामने जो बयान दिया है, उसका इंडियन एक्सप्रेस ने गहन अध्ययन किया। इसके साथ ही बैंकिंग स्टेटमेंट्स, ऑफशोर कंपनियों के रिकॉर्ड और प्रमुख लोगों के साथ किए गए ईमेल के बारे में जानकारी इकट्ठी की। इसमें कई कथित हवाला ट्रांजैक्शन और ऑफशोर स्ट्रक्चर का जाल पाया गया जो बात सक्सेना ने भी स्वीकार की है।
इंडियन एक्सप्रेस ने सक्सेना के बयान के हवाले से बताया है कि अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथित रूप से कैसी कमियां हैं। सक्सेना ने ईडी को बताया कि उस समय फैसले को प्रभावित करने वाले नेताओं और नौकरशाहों के फायदे के लिए क्या-क्या उपाय किए गए। इनमें कुछ फंड को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्ट्रक्चर्ड ट्रांजैक्शन में लाया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 17 सितंबर को दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट में सीबीआई ने कहा कि साल 2000 में सक्सेना ने इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज के 99.9% शेयर हासिल किए। चार्जशीट में इटली और मॉरीशस के लेटर्स रोगेट्री का हवाला दिया गया है। आरोप लगाया है कि सक्सेना ने गौतम खेतान के साथ मिलकर अगस्ता वेस्टलैंड से इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज़ के खाते में यूरो 12.40 मिलियन हासिल किए। यह धनराशि ‘मामले में शामिल बिचौलियों और संदिग्ध अधिकारियों को पेमेंट करने के लिए आगे इस्तेमाल में लाई गई।
सक्सेना के स्वामित्व वाली चार कंपनियों में ग्लोबल सर्विसेज द्वारा किए गए 9,48,862 यूरो के पेमेंट की भी जानकारी है। सक्सेना की यह चार कंपनियां पैसिफिक इंटरनेशनल एफजेडसी, मिडास मेटल्स इंटरनेशनल एलएलसी, मेटॉलिक्स लिमिटेड और यूरोट्रेड लिमिटेड हैं। सक्सेना से पूछताछ में अगस्ता वेस्टलैंड मामले के दो अन्य आरोपियों, डिफेंस डीलर सुषेन मोहन गुप्ता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी के फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन पर फोकस किया गया है। गुप्ता और पुरी दोनों हिरासत में लिए गए थे और फिलहाल जमानत पर हैं।
सक्सेना ने आरोप लगाया कि गुप्ता और खेतान ने जिन लोगों के नाम लिया था, वे खुद में ‘विशेष’ हैं। उन्होंने सत्ता में अपनी पहुंच को दिखाने के लिए तत्कालीन राजनीति के बड़े लोगों का नाम लिया। उन्होंने कई बार सलमान खुर्शीद और कमल चाचा का जिक्र किया जो कि मेरे हिसाब से कमलनाथ के लिए था। इसके जरिए वह सत्ता के गलियारों में अपनी ताकत का एहसास कराते थे।
सक्सेना ने कहा- “मुझे पता है कि इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड अगस्ता वेस्टलैंड से रिश्वत पाने वाली कंपनियों में से एक थी। इंटरस्टेलर टेक्नॉलॉजीज़ का स्वामित्व सुषेन मोहन गुप्ता के पास था, जिन्होंने गौतम खेतान के माध्यम से कंपनी को नियंत्रित किया था। सुषेन मोहन गुप्ता और गौतम खेतान के साथ मेरी बैठकों के दौरान वे अक्सर नेताओं का जिक्र करते थे। वे बातचीत में AP नाम लेते थे जिसका मतलब अहमद पटेल से होता था।”
अपने बेटे और भतीजे का नाम आने के बाद कमलनाथ ने कहा कि मैं पहले ही कह चुका हूं कि मेरे भतीजे रतुल पुरी कंपनियों या लेनदेने से मेरा कोई वास्ता नहीं है। जहां तक मेरे बेटे नकुलनाथ की बात है, वह दुबई में रहता है। कोई भी बैंक अकाउंट या कागजात नहीं हैं जिससे मेरे बेटे का कनेक्शन सामने आता हो। वहीं खुर्शीद ने कहा कि यह मेरे लिए चौंकाने वाला है कि मेरा नाम इसमें उछाल दिया गया। सुशेन मोहन गुप्ता के पिता देव मोहन गुप्ता एक करीबी पारिवारिक मित्र हैं और मैं उनका शुभचिंतक हूं। उनके अलावा मैं किसी रतुल पुरी या सक्सेना को नहीं जानता।
चॉपर डील केस में तीन हफ्ते पहले ही राजीव सक्सेना को अंतरिम जमानत दी गई थी। सक्सेना को जनवरी 2019 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूछताछ की गई थी। इस मामले में सक्सेना की 385 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर दी गई थी। अब ईडी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के सामने लेकर गई है। ईडी का कहना है कि सक्सेना मामले से जुड़े सभी तथ्यों को सामने नहीं रख रहे हैं।
गौरतलब है कि 3000 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड VVIP डील को यूपीए-2 सरकार ने रद्द कर दिया था। यह डील दो कंपनियों के माध्यम से हुई, जिसमें सक्सेना की इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज और क्रिश्चियन मिशेल की ग्लोबल सर्विस शामिल है। मिशेल साल 2018 से ही जेल में है।