ममता बनर्जी के व्यवहार को रविशंकर प्रसाद ने बताया शर्मनाक, कहा- पार्टी का सही चरित्र और रंग सामने आया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना संकट को लेकर जिलाधिकारियों (डीएम) के साथ बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों पर भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री की बैठक को लेकर बनर्जी का आचरण दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है। प्रसाद ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि बनर्जी ने प्रधानमंत्री की पूरी बैठक को भटकाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि पार्टी का सही चरित्र और रंग सामने आया है।



उन्होंने कहा, मोदी जी ने देश के कुछ राज्यों के डीएम से उनके जिले में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए जो अच्छे काम हो रहे हैं, उसको साझा करने के लिए बैठक बुलाई थी। बैठक में बनर्जी ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों के डीएम को बुलाया जाता है जबकि यह सत्य नहीं है। पूर्व में आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, केरल के जिलाधिकारियों ने भी अपनी बात रखी है। प्रधानमंत्री की सोच बहुत साफ है कि जो भी जिलाधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं, उस काम को देश को जानना चाहिए। 



प्रसाद कहा, आज भी बनर्जी ने अपने राज्य के 24 परगना जिले के डीएम को बोलने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि डीएम क्या जानते हैं, उनसे ज्यादा मैं जानती हूं। एक मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री की ओर से बुलायी गई बैठक में इस तरह का आचरण करना दुर्भाग्यपूर्ण है और ममता जी ऐसा पहली बार नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा, इससे पहले कई बैठकों में सुश्री बनर्जी ने हिस्सा नहीं लिया था। सत्रह मार्च को मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक के अलावा भी वह कई बैठकों में नहीं आईं थी। वह 2014 में प्रधानमंत्री के साथ आधारभूत संरचना पर हुई बैठक में नहीं आईं, 2015 में जमीन अधिनियम पर बैठक में नहीं आईं, 2019 में नीति आयोग की बैठक में भाग नहीं लिया और 2019 में एक राष्ट्र एक चुनाव की बैठक में भाग नहीं लिया।

भाजपा नेता ने कहा, मैं बनर्जी से सवाल पूछता हूं कि भारत के प्रधानमंत्री अगर देश के सभी जिला अधिकारियों से उनके किए अच्छे काम की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं तो इसमें क्या परेशानी है, ऐसा क्यों नहीं होना चाहिए। कई जिलों में अच्छा काम हुआ है, उस जिले वाले राज्य में किसकी सरकार है इससे मोदी को मतलब नहीं है। अच्छा काम कहीं भी हो उसका सदुपयोग होना चाहिए। उन्होंने कहा, आज बनर्जी का जो आचरण हुआ है वह शर्मनाक है तथा उसकी हम गंभीरता से निंदा करते हैं। कोरोना की लड़ाई में जब देश को एकजुट होकर लडऩा चाहिए तो ऐसे समय में इस तरह का आचरण बहुत पीड़ादायक है। 

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