सीनियर सिटीजन को फिलहाल नहीं मिलेगी ट्रेन टिकट में रियायत, रेल मंत्री ने बताई वजह

वरिष्ठ नागरिकों को रेल टिकट में मिलने वाली रियायतों (senior citizen concessions) को लेकर कई तिमाहियों से आलोचनाओं का सामना कर रहा रेलवे (Railways) इन रियायतों को फिलहान बहाल नहीं करने जा रहा है। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को इसके संकेत दिए है। लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल यात्री सेवाओं के लिए 59,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई थी। यह एक बहुत बड़ी राशि है। उन्होंने यह भी कहा कि यह राशि कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा है। इसके अलावा रेलवे का पेंशन और वेतन बिल भी बहुत अधिक है। 

गौरतलब है कि कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से ही रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को किराए में दी जाने वाली सब्सिडी पर रोक लगा दी थी। तबसे विपक्ष लगातार सरकार से इसकी बहाली की मांग करते हुए सरकार से सवाल कर रहा है। इसी क्रम में महाराष्ट्र से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने सरकार से सवाल किया था। जिसका लोकसभा में जवाब देते हुए रेल मंत्री ने यह संकेत दिए। 

सब्सिडी को लेकर दिया संकेत
लोकसभा में ट्रेन यात्रा में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायत कब बहाल होगी? का जवाब देते हुए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे ने यात्री सेवाओं के लिए 59,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। यह एक बड़ी राशि है और कुछ राज्यों के वार्षिक बजट से भी बड़ी है। साथ ही  रेलवे का वार्षिक पेंशन बिल 60,000 करोड़ रुपये है और वेतन बिल 97,000 करोड़ रुपये है जबकि ईंधन पर 40,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। 

रेलमंत्री ने कहा कि  रेलवे नई सुविधाएं लेकर आ रही है। ऐसे में अगर कोई नया फैसला लेना होगा तो हम लेगें, लेकिन वर्तमान में सभी को रेलवे की स्थितियों पर गौर करना चाहिए। 

वहीं, एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए रेलमंत्री ने वंदेभारत ट्रेनों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस समय  वंदे भारत ट्रेनें 500 से 550 किलोमीटर की अधिकतम दूरी के के लिए चलाई जा रही हैं। इन ट्रेनों में वर्तमान में केवल सिटिंग व्यवस्था है। अभी रेलवे सोने की सुविधा के साथ लंबी दूरी की वंदे भारत ट्रेनों को चलाने की योजना बना रही है। 

अयोध्या को जोड़ा जाएगा देशभर के स्टेशनों से
उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद देश के कोने-कोने से अयोध्या को ट्रेनों से जोड़ने की योजना है। इसके साथ ही देश के 41 प्रमुख रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास चल रहा है। साथ ही अन्य स्टेशनों को भी चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा।

रेलवे ने रखा 2030 तक पूरी तरह प्रदूषण मुक्त होने का लक्ष्य
इसके अलावा, रेलवे ने 2030 तक पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होने का लक्ष्य रखा है। रेलमंत्री ने कहा कि इस दिशा में भी काम चल रहा है। इसके लिए भारतीय इंजीनियरों हाइड्रोजन ट्रेनों को डिजाइन और विकसित कर रहे हैं। 

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