संसद में बोले शाह: नशा देश के लिए गंभीर समस्या, इस पर राजनीति न हो

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने आज संसद में कहा है कि नशा देश के लिए गंभीर समस्या है और इस पर सियासत नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि ड्रग्स के मामले में सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह संसद में नशे के मुद्दे पर उठे सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि नशा मुक्त भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है और सरकार इस दिशा में लगातार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा है कि नार्को टेरर पर भी सरकार सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर इसके खिलाफ लड़ाई लड़नी पड़ेगी। 

अमित शाह ने साफ तौर पर कहा कि सभी एंट्री पॉइंट पर निगरानी बढ़ानी होंगी। इसमें राज्य सरकार का सहयोग जरूरी है। नशे की वजह से लाखों परिवार बर्बाद हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नशाखोरी एक गंभीर समस्या है जो पीढ़ियों को नष्ट कर रही है। ड्रग्स से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए भी किया जाता है। शाह ने साथ तौर पर कहा कि हमारी सरकार की ड्रग्स के कारोबार और इस से होने वाली कमाई के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति है। नशा मुक्त भारत के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि ये लड़ाई केंद्र या राज्य की नहीं बल्कि हम सभी की है और इसके वांछित परिणाम के लिए बहु-आयामी प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि जो देश हमारे देश में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं वे ड्रग्स से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल उसी के लिए कर रहे हैं। इस गंदे पैसे की मौजूदगी भी धीरे-धीरे हमारी अर्थव्यवस्था को खोखला कर देती है।

 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को मिलकर नशे के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि हमें सीमाओं, बंदरगाहों और हवाई अड्डों के माध्यम से दवाओं के प्रवेश को रोकने की जरूरत है। राजस्व विभाग, एनसीबी और मादक पदार्थ रोधी एजेंसियों को एक ही पृष्ठ पर होने वाले खतरे के खिलाफ काम करना होगा।  उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है, नशा करने वाले पीड़ित हैं, हमें उनके प्रति संवेदनशील होना चाहिए और पीड़ितों को उनके पुनर्वास के लिए अनुकूल माहौल देना चाहिए। लेकिन मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एनसीबी पूरे देश में जांच कर सकती है। यदि अंतर-राज्यीय जांच करने की आवश्यकता है तो एनसीबी प्रत्येक राज्य की मदद करने के लिए तैयार है। यहां तक ​​कि एनआईए भी राज्यों की मदद कर सकती है अगर देश के बाहर जांच की जरूरत है।

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