कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाथरस की घटना को लेकर कहा है कि बहुत से भारतीय दलित, मुस्लिम और आदिवासियों को मानव नहीं मानते हैं. यह शर्मनाक है. यह बातें उन्होंने रविवार को एक ट्वीट में कहीं. इसके साथ ही उन्होंने एक वेबसाइट का लेख साझा किया है जिसमें बताया गया है कि पीड़िता दर्द से कराहते हुए बार-बार कह रही थी कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया है.
राहुल गांधी ने कहा, ”शर्मनाक सच्चाई यह है कि कई भारतीय दलित, मुस्लिम और आदिवासियों को मानव नहीं मानते हैं. मुख्यमंत्री और उनकी पुलिस का कहना है कि किसी के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है क्योंकि उनके लिए और कई अन्य भारतीयों के लिए वह कोई नहीं थी.”
राहुल ने जिस लेख को साझा किया है उसमें बताया गया है कि कैसे पीड़िता ऊंची जाति के पड़ोसियों द्वारा अपने साथ जबरदस्ती किए जाने के बारे में बता रही थी. 14 दिनों तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद पीड़िता ने दम तोड़ दिया और आधी रात को उसके शव को जला दिया गया. इसके बाद राज्य सरकार ने कहा कि उसके साथ कोई दुराचार नहीं किया गया था.
इससे पहले राहुल ने हाथरस की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर भी निशाना साधा था. छह अक्तूबर को पत्रकार वार्ता के दौरान जब राहुल से हाथरस की घटना और उनके साथ और प्रियंका गांधी के साथ हुई धक्का-मुक्की को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था, ”हम जनता के सेवक हैं. हमारा काम जनता की और किसानों की सेवा करना है. इसे निभाते हुए अगर हमारे साथ धक्का-मुक्की होती है तो हम इसे सह लेंगे.”
उन्होंने कहा था कि इस सरकार (उत्तर प्रदेश सरकार) द्वारा दिया गया असली धक्का हाथरस के परिवार को लगा है. उन्हें वहां के जिलाधिकारी द्वारा धमकाया गया. इसलिए मैं उस परिवार से मिलने गया. मैं चाहता था कि उस परिवार को यह ना महसूस हो कि वह अकेले हैं. हम उनके लिए खड़े हैं.
राहुल ने कहा था, ”पूरे परिवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निशाना बनाया गया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले पर एक भी शब्द नहीं कहा. पूरा देश देख रहा है कि हाथरस में क्या हो रहा है.”