किसान आंदोलन के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है. एनडीए (NDA) सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ी सौगात दी है. कैबिनेट की बैठक के केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रेस वार्ता कर इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि 3500 करोड़ रुपये की सब्सिडी, प्रत्यक्ष निर्यात का मूल्य 18,000 करोड़ रुपये किसानों के खाते में जायेगा.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसके साथ ही बताया कि घोषित सब्सिडी का 5361 करोड़ रुपया एक सप्ताह में किसानों के खाते में जमा कर दिया जायेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस साल शक्कर का उत्पादन 310 लाख टन होगा. देश की खपत 260 लाख टन है. शक्कर का दाम कम होने की वजह से किसान और उद्योग संकट में है. इसको मात देने के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात करने और निर्यात को सब्सिडी देने का फैसला किया गया है.
जावड़ेकर ने बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इंट्रा-स्टेट ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को मजबूत करने के लिए 6 राज्यों के लिए उत्तर पूर्वी क्षेत्र विद्युत प्रणाली सुधार परियोजना के संशोधित लागत अनुमान को मंजूरी दी है.
वहीं, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि मंत्रिमंडल ने 20 वर्ष की वैधता अवधि के लिए 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज आवृत्ति बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दी. कुल 2251.25 मेगाहर्ट्ज के कुल मूल्यांकन 3,92,332.70 करोड़ रुपये के साथ पेश किया जा रहा है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए आवेदन आमंत्रित करने के लिए इसी माह एक नोटिस जारी किया जाएगा और मार्च 2021 तक नीलामी होना प्रस्तावित है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3,500 करोड़ रुपये की चीनी निर्यात सब्सिडी के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले को किसानों के लिए ‘‘विशेष खुशी का दिन’’ बताया और कहा कि इससे पैसा सीधे किसानों के खातों में हस्तांतरण होगा तथा चीनी मिल से जुड़े लाखों कामगारों को भी लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘देश के करोड़ों अन्नदाताओं के लिए आज विशेष खुशी का दिन है। कैबिनेट ने 5 करोड़ गन्ना किसानों के लिए 3500 करोड़ रुपये की सहायता राशि मंजूर की है। पैसा सीधे उनके खातों में ट्रांसफर होगा। इससे चीनी मिलों से जुड़े लाखों कामगारों को भी लाभ पहुंचने वाला है।’’