गौरी लंकेश हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार सहित सभी पक्षों से किया जवाब-तलब

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को पत्रकार गौरी लंकेश (Gauri Lankesh) की बहन कविता लंकेश (Kavita Lankesh) की याचिका पर नोटिस जारी कर सभी पक्षों से जवाब मांगा है. हालांकि अदालत ने कर्नाटक हाईकोर्ट कि ओर से बुधवार को जारी किए जाने वाले फैसले पर रोक की मांग पर आदेश नहीं दिया. कर्नाटक सरकार समेत अन्य पक्षों को नोटिस का जवाब 15 जुलाई तक देना होगा.

पत्रकार गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश ने सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक याचिका दायर की. यह याचिका कविता ने उनकी पत्रकार बहन कि हत्या की जांच को लेखक एमएम कलबुर्गी, तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे के साथ जोड़ने और इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने के सुझाव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की है.

सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच का समर्थन किया था

11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने हत्याओं की सीबीआई जांच का समर्थन किया था. अदालत ने दाभोलकर की हत्या की जांच कर रही, जांच एजेंसी से जनवरी के पहले सप्ताह तक यह बताने को कहा था कि क्या वह लंकेश, कलबुर्गी और पानसरे की हत्याओं की भी जांच करना चाहेगी. पिछले साल पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड में बेंगलुरु एसआइटी ने धनबाद के कतरास से आरोपी ऋषिकेश देवरिकर उर्फ राजेश को गिरफ्तार किया था. वह कतरास में पेट्रोल पंप केयरटेकर के रूप में काम कर रहा था.

कौन थीं गौरी लंकेश

पत्रकार गौरी लंकेश एक सोशल एक्‍ट‍िविस्‍ट भी थी और बेंगलुरु में रहती थीं. कन्‍नड़ के वीकली न्यूजपेपर ‘लंकेश पत्रिके’ की वह संपादक थीं. इस अखबार को उनके पिता पी. लंकेश ने शुरू किया था. उनका जन्म 1962 को हुआ था और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बेंगलुरु से ही की थी. उनकी पहली नौकरी ‘टाइम्‍स ऑफ इंडिया’ में थी. कुछ वक्त के बाद वो दिल्ली आईं, लेकिन फिर बेंगलुरु चली गईं. वहां उन्होंने ‘संडे’ मैग्‍जीन और ‘इनाडु’ के तेलुगू चैनल में काम किया. गौरी ने अपना वीकली अखबार ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ का प्रकाशन शुरू किया. लंकेश पर शुरू से ही नक्‍सल समर्थक एवं हिंदु विरोधी होने का आरोप लगा. गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर 2017 को बेंगलुरु में ही कर दी गई थी.

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