दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत देश के अलग-अलग राज्यों से किसान दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं।
कुछ किसान बुराड़ी मैदान भी पहुंचे है लेकिन अधिकांश किसान अभी सिंघु बॉर्डर पर ही डटे हुए है। इस बार किसान पूरी तैयारी करके दिल्ली के लिए निकले हैं। वे अपने साथ रहने और खाने पीने का सामान भी लेकर आये हैं। जिसे जहां पर जगह मिल रही है। वहीं पर अपना ठिकाना बना ले रहा है।
दिल्ली आने वाली सड़क पर जहां तक भी नजर पड़ी रही किसान ही किसान नजर आ रहे हैं। बार्डर पर एक तरफ किसान संगठनों के नेता जहां किसानों को जागरुक कर रहे है तो वहीं कुछ किसान आंदोलन में हुक्का गुड़गुड़ा कर और पत्ते खेलकर अपना टाइम गुजार रहे है।
इनमें से कुछ किसानों ने आगे आकर मीडिया के सामने अपनी बात रखी।पंजाब से आए किसानों का कहना है कि ‘हम रहने और खाने पीने की पूरी व्यवस्था के साथ यहां आए हैं।
जब तक कोई हल नहीं निकलता तब तक हम यहां डटे रहेंगे। टाइम पास करने के लिए हुक्का ले आए थे। जब भी समय मिलता है तो हम साथियों के साथ बैठकर हुक्का गुड़गुड़ा लेते हैं।’
वहीं इनमें से कुछ अन्य किसानों का कहना है कि, हम किसान संगठनों के आह्वान पर अलग-अलग जगहों से दिल्ली आए हैं। वो जो हमें बोलेंगे वह हम वहीं करेंगे। जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जातीं हम यहीं हैं। इसलिए ताश खेलकर टाइम पास कर रहे है।
मोबाइल चार्जिंग के लिए करना पड़ रहा लम्बा इंतजार
किसान दूर दराज के इलाकों से दिल्ली के निकले हैं। घर से निकले उन्हें तीन से चार दिन का समय बीत चुका है। परिवार वाले उनका हाल जानने के लिए परेशान हैं। मोबाइल ही उनके पास एक सहारा है।
जिसके जरिये वे अपनी बात अपने घरवाले तक पहुंचा सकते हैं और उनका हाल चाल जान सकते हैं। लेकिन यहां पर ज्यादातर किसानों की मोबाइल की बैटरी डिस्चार्ज हो चुकी है।
ऐसे में मोबाइल चार्ज करने में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ किसान अपने साथ बड़ी बैटरी लेकर आए हैं इससे वे अपने डेरे में भी रोशनी कर पा रहे है और मोबाइल भी चार्ज कर लेते है।
लेकिन कुछ किसानों को मोबाइल चार्ज करने के लिए 30 रुपये तक अदा करने पड़ रहे हैं। इससे उनका रोज का अच्छा खासा पैसा मोबाइल और बाकी की जरूरतों को पूरा करने में खर्च हो रहा है।