जातीय हिंसा से जूझ रहे उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में शांति के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। अब केंद्र सरकार ने राज्य में शांति लाने के लिए शांति समिति का गठन किया है। इस शांति समिति का अध्यक्ष प्रदेश के राज्यपाल को बनाया गया है। वहीं मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों और विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को भी शामिल किया गया है। गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।
समाज के विभिन्न वर्गों से लोगों को किया गया शामिल
केंद्र सरकार द्वारा गठित शांति समिति में पूर्व प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षाविद, साहित्य जगत से जुड़े लोग, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के लोगों को शामिल किया गया है। यह शांति समिति विभिन्न जातीय संगठनों से बात करेगी। साथ ही संघर्ष कर रहे लोगों के बीच शांतिपूर्ण बातचीत को बढ़ावा देगी। गृह मंत्रालय ने बताया कि शांति समिति सामाजिक सद्भाव और भाईचारे को भी बढ़ाने के लिए प्रयास करेगी, जिससे विभिन्न जातीय संगठनों के बीच सद्भावनापूर्ण बातचीत हो सके।
अमित शाह ने किया था एलान
बता दें कि मणिपुर में बीते करीब एक माह से हिंसा का दौर जारी है। इस हिंसा में अभी तक करीब 100 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हिंसा को रोकने के लिए स्थानीय पुलिस के साथ ही भारतीय सेना और बीएसएफ के जवानों को भी तैनात किया गया है। बीते दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मणिपुर का दौरा किया था और वह करीब चार दिनों तक राज्य में ही रहे थे। इसी दौरान अमित शाह ने राज्य में शांति के लिए शांति समिति बनाने की बात कही थी।