असम में अल कायदा और अंसारुल्ला बंगला टीम के दो संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार

असम के गोलपारा जिले में बीती रात असम पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। असम पुलिस ने बताया कि बीती रात अल कायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट के दो संदिंग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग अल कायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट और अंसारुल्लाह बंगला टीम के संदिग्ध आतंकी हैं। एसपी वीवी राकेश रेड्डी ने बताया कि इन लोगों का AQIS/ABT के बारपेटा और मोरीगांव मॉड्यूल से सीधा संपर्क है। इन लोगों के पास से अल कायदा से जुड़े, जिहादी पोस्टर और अन्य दस्तावेज मिले हैं, जिसे सीज कर लिया गया है। इन लोगों के पास से मोबाइल फोन, सिम कार्ड, आईडी कार्ड भी घर में छापेमारी के दौरान मिले हैं, जिसे सीज किया गया है।

एसपी वीवी राकेश रेड्डी ने बताया कि इन संदिग्ध आतंकियों ने बांग्लादेश से आने वाले आतंकी जिहादियों को मदद मुहैया कराई थी। इन लोगों ने उन्हें सामान उपलब्ध कराए थे, उन्हें शरण दी3 थी। इन लोगों ने अल कायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट का सदस्य होने की बात पूछताछ में स्वीकार की है। इन लोगों ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि इन लोगों का चयन जिले में स्लीपर सेल के तौर पर काम करने के लिए हुआ था।

जिन दो संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके नाम अब्दुल सुभान और जलालुद्दीन शेख है। सुभान तिनकुनिया शांतिपुर मस्जिद का इमाम है जबकि जलालुद्दीन शेख तिलापाड़ा नातून मस्जिद का इमाम है। इन दोनों से पुलिस ने कई घंटों की पूछताछ की। एसबी ने बताया कि हमे इस मीहने जुलाई माह में अब्बास से इनपुट मिला था। अब्बास जिसे जोकि खुद जिहादी है, उसके तार भी इस केस से जुड़े हैं, उसे हमने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई कि ये लोग असम में सीधे तौर पर बारपेटा और मोरिगांव मॉड्यूल से जुड़े हैं।

गौर करने वाली बात है कि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के डीजीपी के साथ एक बैठक की थी और इस दौरान उन्हें सीमावर्ती राज्यों के डीजीपी को कहा था कि देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। बॉर्डर जिलों में तकनीकी और रणनीतिक महत्व की जानकारियों को निचले स्तर तक पहुंचाएं। इसके लिए राषट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली का इस्तेमाला करें और निचले स्तर पर भी इसे पहुंचाएं। शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, उत्तर पूर्व में उग्रवादी गुटों और वामपंथियों को खत्म करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए, ये देश के लिए नासूर हैं। हमने इन्हें खत्म करने की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है। हमे सिर्फ ड्रग्स कंसाइटमेंट पकड़ने तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि इसके पूरे नेटवर्क को खत्म करने पर काम करना चाहिए।

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