केंद्रीय मंत्री गडकरी ने एथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल पर जोर दिया

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को एथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कृषि और निर्माण उपकरणों में एथेनॉल के इस्तेमाल के प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने वैकल्पिक ईंधन के उपयोग के महत्व को भी रेखांकित किया। 
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘वैकल्पिक ईंधन भविष्य है। इलेक्ट्रिक स्कूटर, कार व बसों के बाद अब जल्द ही इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर्स व बसें भी आएंगी। मैं इन्हें जल्द लांच करने जा रहा हूं।’ गडकरी ने पुणे में यह बात राज्य स्तरीय शुगर कॉन्फ्रेंस 2022 को संबोधित करते हुए कही। इसका आयोजन वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट पुणे ने किया था। केंद्रीय भूतल व राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि देश अपनी ईंधन व बिजली जरूरतों की पूर्ति के लिए हर साल 10 लाख करोड़ रुपये का पेट्रोलियम आयात करता है। अगले पांच साल में यह मांग बढ़कर 25 लाख करोड़ तक पहुंच सकती है। इससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। 

उन्होंने कहा कि डीजल चलित कृषि उपकरणों को पेट्रोल आधारित बनाया जाना चाहिए और फ्लेक्स इंजिनों को एथेनॉल आधारित बनाया जा सकता है। गडकरी ने कहा कि एथेनॉल को निर्माण उद्योग में लगने वाले उपकरणों में इस्तेमाल करने की तैयारी जारी है। 

शकर उत्पादन से एथेनॉल की ओर बढ़ने की जरूरत
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शकर उत्पादन से अब एथेनॉल उत्पादन की ओर बढ़ने की जरूरत है। दुनियाभर में शकर की मांग में वृद्धि अस्थाई है। जब कच्चे तेल के दाम बढ़कर 140 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचते हैं तो ब्राजील गन्ने से एथेनॉल बनाना शुरू कर देता है। इससे भारत से शकर की मांग बढ़ जाती है।   जब कच्चे तेल के दाम घटकर 70 से 80 डॉलर प्रति बैरल पर आ जाते हैं तो ब्राजील शकर उत्पादन शुरू कर देता है। उन्होंने कहा कि जब कच्चा तेल सस्ता होता है तो शकर के दाम भी तेजी से नीचे आते हैं। 

अजीत पवार से पुणे में एथेनॉल पंप लगाने का आग्रह
कार्यक्रम में गडकरी ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार से पुणे में एथेनॉल पंप स्थापित करने का आग्रह किया ताकि किसान को यह मुहैया हो सके। सीएम उद्धव ठाकरे ने कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राज्य के शकर उत्पादक गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। ठाकरे ने कहा कि हमें बाजार अनुसंधान के लिए ब्राजील का अनुसरण करना होगा। ब्राजील सर्वे करता है और उसी के अनुसार एक वर्ष में एक फसल चुनता है। समय बदल रहा है और हमें प्रौद्योगिकी को अपनाना चाहिए। भविष्य इथेनॉल का होगा।

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