पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए शनिवार से नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ हुई। नामिनेशन के पहले दिन ही राज्य के कई इलाकों में हिंसा की खबरें हैं। कई कैंडिडेट्स ने नामिनेशन नहीं किए जाने का आरोप लगाया है। मुर्शिदाबाद में नामांकन के एक दिन पहले ही एक कांग्रेस कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद यहां बवाल हो गया। दूसरे दिन भी बवाल थमा नहीं था। उधर, हत्या के आरोप में पुलिस ने तमंचे के साथ एक टीएमसी नेता को अरेस्ट किया है।
मुर्शिदाबाद में टीएमसी, सीपीएम और कांग्रेस के बीच झड़प
मुर्शिदाबाद में टीएमसी, सीपीएम और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में एक दूसरे के साथ झड़प दो दिनों चल रही है। शुक्रवार को पंचायत चुनाव में नामांकन के लिए समर्थन जुटा रहे कांग्रेस के एक 45 वर्षीय कार्यकर्ता फूलचंद शेख की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्या के बाद कांग्रेस ने इसे टीएमसी कार्यकर्ताओं का हाथ होने का शक जताया। इसके अगले दिन कांग्रेस और सीपीएम कार्यकर्ताओं ने टीएमसी कार्यकर्ताओं को घेर लिया। दोनों पक्षों में झड़प हुई। झड़प के बीच डोमकल में एक स्थानीय टीएमसी नेता बशीर मोल्ला के पास से एक तमंचा बरामद किया गया। हथियार मिलने के बाद उसे अरेस्ट कर लिया गया।
नामांकन से रोके जाने का आरोप, विपक्षी दलों ने एक साथ जाकर किया नामांकन
दरअसल, डोमकल में शुक्रवार से ही पूरा क्षेत्र युद्ध के मैदान में तब्दील हो चुका है। सीपीएम ने आरोप लगाया कि बीडीओ दफ्तर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कब्जा कर लिया है और दूसरे का नामांकन नहीं करने दे रहे। उधर, कांग्रेस, सीपीएम आदि ने झड़प के बाद एक साथ आकर नामांकन करने का निर्णय लिया। विपक्षी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जब वे लोग नामांकन करने जा रहे थे तो उन लोगों पर हमले हो रहे थे। दोनों पक्षों में नामांकन के लिए जाते वक्त काफी झड़प हुई, ईंट-पत्थर चले। दोनों तरफ से वाहनों को भी काफी नुकसान पहुंचाया गया है।
ममता बनर्जी के लिए लोकसभा चुनाव के पहले लिटमस टेस्ट
लोकसभा चुनाव 2024 के पहले पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव, राज्य सरकार के लिए लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है। ममता बनर्जी लगातार तीन बार से विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ जीत रही हैं। इस बार लोकसभा की अधिकतर सीटों को बीजेपी से जीतने का दबाव उन पर होगा।
राज्य चुनाव आयुक्त (एसईसी) राजीव सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि ग्राम सभा के चुनाव एक ही दिन होंगे। पर्चा दाखिल करने की समय सीमा 15 जून निर्धारित की गई है। वोटों की गिनती 11 जुलाई को होगी।
2013 में राज्य के प्रत्येक मतदान केंद्र पर केंद्रीय बलों के साथ पंचायत चुनाव हुए थे। उनकी तैनाती के बावजूद, टीएमसी, जो उस समय दो साल से सत्ता में थी, ने 85 प्रतिशत से अधिक सीटें जीतीं। इसी तरह 2018 के पंचायत चुनावों में TMC ने राज्य की 90 प्रतिशत पंचायत सीटों और सभी 22 जिला परिषदों पर जीत हासिल की।