वो कौन-सा पंजा था जो 1 रुपये में 85 पैसे घिस लेता था, मोदी का कांग्रेस पर हमला

पीएम नरेंद्र मोदी तीन दिन की विदेश यात्रा पर हैं. उन्होंने सोमवार को जर्मनी के चांसलर के साथ वार्ती की. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी को फ्रांस और डेनमार्क जाना है. तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में जर्मनी पहुंचे उन्होंने भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात की और बातचीत कर उत्साह बढ़ाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narendra modi) ने जर्मनी के बर्लिन में भारतीयों को संबोधित किया है. उन्होंने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे मां भारती की संतानों से आज जमर्नी में आकर मिलने का अवसर मिला है. आप सभी से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है.

पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि आज सुबह मैं बहुत हैरान था कि यहां इतनी ठंड है लेकिन कई छोटे-छोटे बच्चे भी सुबह 4-4.30 बजे आ गए थे. आपका ये प्यार और आपका आशीर्वाद मेरी बहुत बड़ी ताकत है. हमारी सरकार में बड़ी संख्या में लोगों के बैंक अकाउंट में सीधे लाभ पहुंचा है. बिना किसी बिचौलिए के कोई कट मनी नहीं. अब किसी प्रधानमंत्री को नहीं कहना पड़ेगा कि एक रुपये भेजता हूं तो 15 पैसे पहुंचता है. नाम लिए बगैर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वो कौन सा पंजा था जो 85 पैसे घिस लेता था.

पीएम मोदी ने कहा कि आज का भारत मन बना चुका है, संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है. और आप भी जानते हैं कि जब किसी देश का मन बन जाता है तो वो देश नए रास्तों पर भी चलता है और मनचाही मंजिलों को प्राप्त करके भी दिखाता है. उन्होंने आगे कहा कि आज का आकांक्षी भारत, आज का युवा भारत, देश का तेज विकास चाहता है. वो जानता है कि इसके लिए राजनीतिक स्थिरता और प्रबल इच्छाशक्ति कितनी आवश्यक है, इसलिए भारत के लोगों ने तीन दशकों से चली आ रही राजनीतिक अस्थिरता के वातावरण को एक बटन दबाकर खत्म कर दिया.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सकारात्मक बदलाव और तेज विकास की आकांक्षा ही थी कि जिसके चलते 2014 में भारत की जनता ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी. ये भारत की महान जनता की दूरदृष्टि है कि साल 2019 में उसने, देश की सरकार को पहले से भी ज्यादा मजबूत बना दिया. उन्होंने कहा कि देश आगे बढ़ता है जब देश के लोग उसके विकास का नेतृत्व करें, देश आगे बढ़ता है जब देश के लोग उसकी दिशा तय करें. अब आज के भारत में सरकार नहीं बल्कि देश के कोटि-कोटि जन ही ड्राइविंग फोर्स है.

पीएम ने आगे कहा कि नया भारत अब सिर्फ सिक्योर फ्यूचर की नहीं सोचता, बल्कि रिस्क लेता है, इनोवेट करता है, इन्क्युबेट करता है. मुझे याद है, 2014 के आसपास, हमारे देश में 200-400 ही स्टार्ट अप्स हुआ करते थे. आज 68 हजार से भी ज्यादा Start-Ups हैं, दर्जनों Unicorns हैं. पहले देश एक लेकिन संविधान 2 थे, परंतु उन्हें एक करने में इतनी देर क्यों लगी? 7 दशक हो गए, एक देश एक संविधान लागू करते करते, लेकिन वो अब हमने लागू किया है. 21वीं सदी के इस तीसरे दशक की सबसे बड़ी सच्चाई ये है कि आज India is going global. कोरोना के इसी काल में भारत ने 150 से ज्यादा देशों को जरूरी दवाइयां भेजकर अनेकों जिंदगियां बचाने में मदद की है.

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